आईटीसी के गोल्ड फ्लैक के स्वामित्व को अदालत में चुनौती देगी एनटीसी
punjabkesari.in Monday, Oct 05, 2015 - 10:52 AM (IST)

कोलकाताः सबसे ज्यादा मशहूर सिगरेट ब्रांडों में से एक गोल्ड फ्लैक के ट्रेडमार्क की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है क्योंकि कोलकाता की एनटीसी इंडस्ट्रीज की योजना बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की है। मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए आईटीसी के हक में फैसला दिया था कि एनटीसी ने आईटीसी के गोल्ड फ्लैक और हनी ड्यू ट्रेडमार्क का अतिक्रमण किया है।
न्यायमूर्ति जी एस पटेल ने कहा, इस चर्चा का नतीजा यह निकलता है कि आईटीसी को कामयाबी मिली। प्रथम दृष्टया मामले पर नजर डाल ली गई है। बाकी चीजों के लिए सुस्थापित सिद्धांत अवश्य लागू होगा। मुझे नहीं लगता कि एनटीसी को अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी के उत्पादों से बाजार को पाटने का सुझाव दिया जा सकता है। इससे निस्संदेह आईटीसी ब्रांड का घालमेल होगा और इसके परिणामस्वरूप होने वाले नुकसान का जायजा लेना मुश्किल होगा।
साल 2014 में कोलकाता की कंपनी आईटीसी ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दावा किया था कि एनटीसी इंडस्ट्रीज ने ट्रेडमार्क कॉपीराइट का उल्लंघन किया है। एनटीसी ने 64 एमएम वाली नैशनल गोल्ड फ्लैक सिगरेट ब्रांड पेश की थी। आईटीसी ने यह भी दावा किया कि एनटीसी ने हमारे हनी ड्यू ट्रेडमार्क का भी उल्लंघन किया। एनटीसी इंडस्ट्रीज के सीएफओ पी सी खटोर ने कहा, हम ऊपरी अदालत में इस फैसले को चुनौती देंगे क्योंकि ट्रेडमार्क हमारी संपत्ति है जिसे हमारे पूर्ववर्ती ने 1941 में पंजीकृत कराया था। इसका लाइसेंस 2011 में एक्सपायर हो गया, हालांकि हमने इसके नवीकरण का आवेदन किया था।
इस बीच, आईटीसी अदालत चली गई और दावा किया कि यह ट्रेडमार्क उनका है। खटोर के मुताबिक, ट्रेडमार्क का पंजीकरण एनटीसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कराया था, जिसका अधिग्रहण डंकन इंडस्ट्रीज ने किया। इसके बाद यह ट्रेडमार्क 1982 में डंकन एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड को दिया गया। 1984 में डंकन एग्रो ने नई तंबाकू कंपनी बनाकर अपनी पुरानी तंबाकू इकाई बंद कर दी। अदालत के आदेश के मुताबिक, कंपनी की तरफ से पंजीकृत सभी ब्रांड हमारे होंगे। आईटीसी इसके खिलाफ अदालत गई और दावा किया कि यह बताने के लिए कुछ भी नहीं है कि ट्रेडमार्क एनटीसी को हस्तांतरित हुआ था। एनटीसी इंडस्ट्रीज तब तक नैशनल गोल्ड फ्लैक नहीं बेच सकती, जब तक कि इसे ऊपरी अदालत से अपने हक में फैसला नहीं मिल जाता। गोल्ड फ्लैक के अलावा आईटीसी के पास सिगरेट के कई ब्रांड मसलन क्लासिक, इंडिया किंग्स, ब्रिस्टल फिल्टर, फ्लैक फिल्टर और फ्लैक एक्सल फिल्टर आदि हैं।