चीन ने कर दी ओबामा की ''बेइज्जती''!

Monday, Sep 05, 2016 - 02:33 PM (IST)

पेइचिंगः जी20 सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की चीन द्धारा जानबूझकर ''बेइज्जती'' करने का मामला सामने अाया है। जानकारी के मुताबिक, शनिवार को ओबामा का प्लेन एयरफोर्स वन दक्षिणी चीन के हांगझू में लैंड हुआ। स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के उलट प्लेन के मेन गेट पर कोई रोलिंग स्टेयरकेस (सीढ़ियां) नहीं लगवाई गई, जिससे राष्ट्रपति बाहर निकल सकें। कुछ देर बाद ओबामा प्लेन के पिछले दरवाजे की अंदरूनी सीढ़ियों का इस्तेमाल करके बाहर आए। 

नहीं मिला रेड कार्पेट वेलकम
अमूमन वीवीआईपी विजिट के दौरान यह प्रोटोकॉल फॉलो है कि जब प्लेन लैंड हाेता है ताे उसके सामने रेड कार्पेट बिछाया जाता है, परंतु अाेबामा के प्लेन के अागे एेसा कुछ नहीं था। जबकि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन पहुंचने के बाद रेड कार्पेट वेलकम मिला। 

चीनी-अमरीकी अफसरों में हुई बहस

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि ओबामा के वहां पहुंचने पर न तो स्टेयरकेस (सीढ़ियां) का इंतजाम था और न ही रेड कार्पेट का। रिपोर्ट के मुताबिक, ओबामा जब खुद प्लेन से उतरे तो उनकी मौजूदगी में ही चीनी और अमरीकी अफसरों में तीखी बहस हुई। वीडियो में एक चीनी अफसर यह कहते नजर आए कि यह हमारा देश है। यह हमारा एयरपोर्ट है। 

चीन का अाराेप से इंकार
वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के एक अफसर ने ओबामा को जानबूझकर ऐसा ट्रीटमेंट देने के आरोपों को खारिज किया है। अफसर ने कहा कि अमरीकी प्रतिनिधिमंडल ने ही रोलिंग स्टेयरकेस का इस्तेमाल करने से इंकार किया था। अमरीकी पक्ष को शिकायत थी कि स्टेयरकेस ड्राइवर को अंग्रेजी नहीं आती इसलिए वो अमरीकी सुरक्षा निर्देश नहीं समझ सकता। चीन ने प्रस्ताव दिया कि ड्राइवर के साथ एक ट्रांसलेटर बिठाया जाए। अमरीका ने इस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया। 

सोची समझी कूटनीतिक फटकार
मेक्सिको के चीन में राजदूत रह चुके जॉर्ज गुआजार्डो ने कहा कि ओबामा के साथ किया गया यह बर्ताव चीन की सोची समझी कूटनीतिक फटकार है। उन्होंने कहा कि चीनी इस तरह की गलती नहीं करते। मैंने चीनियों के साथ 6 साल तक काम किया है। मैंने इस तरह के दौरों के इंतजाम का काम देखा है। यह गलती से नहीं हुआ है। जानकारों का मानना है कि इस हरकत के जरिए चिनफिंग राष्ट्रवादी कार्ड खेल रहे हैं। चीन इसके साथ ही यूएस समेत पूरी दुनिया को यह मेसेज देना चाहता है कि अमरीका भले ही सुपर पावर हो, लेकिन उनके लिए कोई खास मायने नहीं रखता।

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