मिसाइल शक्ति ने चीन को बनाया है एक बड़ी ताकत: शी चिनफिंग

Tuesday, Sep 27, 2016 - 02:14 PM (IST)

बीजिंग: चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि देश के विकसित होते मिसाइल अस्त्रागार को संभालने वाली पीएलए के नवगठित रॉकेट फोर्स ने युद्ध संबंधी धमकियों को विफल करते हुए एक ‘बड़ी शक्ति’ बनने में एक ‘अद्वितीय’ भूमिका निभाई है। कल पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के रॉकेट फोर्स का निरीक्षण करते हुए कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के महासचिव और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष शी ने बल को ‘‘रणनीतिक प्रतिरोध का मूल, देश के एक बड़ी शक्ति के रूप स्थापित होने का रणनीतिक आधार और राष्ट्रीय सुरक्षा निर्माण की आधारशिला बताया।’’ कुल 22,85,000 सैनिकों वाली दुनिया की सबसे विशाल सेना पीएलए में व्यापक सैन्य संरचनात्मक सुधार अभियान के तहत पिछले साल पीएलए रॉकेट फोर्स का गठन किया गया था। शी सेना के भी प्रमुख हैं।

उन्होंने 31 दिसंबर 2015 को बीजिंग में आयोजित रॉकेट फोर्स के उद्घाटन समारोह के दौरान इसे सैन्य झंडा दिया था।   सरकारी समाचार पत्र चाइना डेली ने शी के हवाले से कहा कि बदलती अंतर्राष्ट्रीय स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंडराने वाली बड़ी चुनौतियों के बीच, रॉकेट फोर्स ने युद्ध की धमकियों को रोकने में, चीन के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल रणनीतिक स्थित सुनिश्चित करने में और वैश्विक रणनीतिक संतुलन एवं स्थिरता बनाए रखने में एक ‘अद्वितीय’ भूमिका निभाई है। शी ने रॉकेट फोर्स से संकट की समझ बढ़ाने और रणनीतिक क्षमता मजबूत करने के लिए कहा ताकि देश को एक सुरक्षित और रणनीतिक सुरक्षा का माहौल दिया जा सके।

पिछले साल चीन ने एक परेड के दौरान लंबी, मध्यम और छोटी दूरी की मिसाइलों का प्रदर्शन किया था। इनमें डोंगफेंग-21 डी मिसाइल और ‘कैरियर किलर’ कहलाने वाली पोत-रोधी बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल थी। इसने अमेरिकी रक्षा अधिकारियों में चिंता पैदा कर दी थी क्योंकि यह 1500 किलोमीटर से 1700 किलोमीटर तक की दूरी पर वायुयान वाहकों को उड़ा सकता था। शी ने कहा, ‘‘सैनिकों की रणनीतिक नियंत्रण क्षमता, युद्ध की तैयारी और रणनीति के अनुप्रयोगों को बढ़ाने में नई उपलब्धियां हासिल की जानी चाहिएं।’’ उन्होंने रॉकेट फोर्स से पार्टी के नेतृत्व का अनुसरण करने, सीपीसी की केंद्रीय समिति के अनुकूल चलने के लिए कहा।

शी की ये टिप्पणियां एक एेसे समय पर आई हैं, जब दक्षिण चीन सागर, पूर्वी चीन सागर में विवादित द्वीपों, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद परमाणु क्षमता बढ़ाने की उत्तर कोरिया की कोशिशों को लेकर अमेरिका और जापान के साथ इसका तनाव बढ़ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने दक्षिण चीन सागर के पूरे क्षेत्र पर चीन के अधिकार के एेतिहासिक दावे को खारिज कर दिया था। उसके बाद से चीन बचाव की मुद्रा में है। अमेरिका ने वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान को सैन्य सहयोग बढ़ाते हुए इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है।

ये देश बीजिंग के दावों का विरोध करते हैं। बढ़ते तनाव के बीच चीन ने कल अपने सबसे बड़े वायु अभ्यासों के लिए अपने युद्धक विमानों का सबसे बड़ा बेड़ा पश्चिमी प्रशांत की आेर जापानी आेकिनावा तट के पास उड़ाया था। चीन उत्तर कोरिया के मिसाइल खतरों से निपटने के लिए अमेरिका द्वारा दक्षिण कोरिया में ‘थाड’ (टर्मिनल हाई एल्टीटयूड एरिया डिफेंस) रक्षा मिसाइल प्रणालियां तैनात किए जाने के भी विरोध में है।

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