अमेरिकी राजदूत ने अरुणाचल प्रदेश का किया दौरा, चीन ने कहा-शांति में खलल न डाले

Monday, Oct 24, 2016 - 07:15 PM (IST)

बीजिंग: चीन ने सोमवार को अमेरिका को चेतावनी दी कि चीन-भारत सीमा विवाद में उसका कोई भी हस्तक्षेप इस विषय को और भी पेचीदा बनाएगा और सीमा पर कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति में खलल डालेगा।  अमेरिकी राजदूत के अरुणाचल प्रदेश दौरा के कुछ दिनों बाद चीन ने यह चेतावनी दी है। चीन अरुणाचल के दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है।
 

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में अमेरिका से भारत-चीन सीमा विवाद में हस्तक्षेप करने से बचने को कहा। उन्होंने कहा कि चीन इस यात्रा का सख्त विरोध करता है। अरणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के निमंत्रण पर अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा 22 अक्टूबर को वहां गए थे। रिचर्ड की उस यात्रा का उल्लेख करते हुए लू ने कहा कि अमेरिकी राजदूत ने एक विवादित क्षेत्र का दौरा किया है।
 

उन्होंने कहा कि हमने इस बात का संज्ञान लिया है कि अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिक अधिकारी ने जिस जगह का दौरा किया है वह चीन और भारत के बीच विवादित क्षेत्र है। हम इस यात्रा के पूरी तरह खिलाफ हैं। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है और इस इलाके में भारतीय नेताओं, विदेशी अधिकारियों तथा दलाई लामा की यात्रा का नियमित विरोध करता है।
 

लु ने समाधान निकालने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अगुवाई वाली विशेष प्रतिनिधियों की प्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि चीन-भारत सीमा के पूर्वी क्षेत्र को लेकर चीन की स्थिति बहुत स्पष्ट है और एक जैसी है। दोनों देश बातचीत और परामर्श के माध्यम से क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की 19वें दौर की वार्ता की थी।

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