जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का भाजपा में जबरन विलय करने की साजिश असफल: रेणु जोगी

punjabkesari.in Wednesday, Sep 21, 2022 - 09:44 AM (IST)

रायपुर, 20 सितंबर (भाषा) जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधायक रेणु जोगी ने मंगलवार को भाजपा पर ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत उनकी पार्टी का विलय करने की साजिश रचने का आरोप लगाया।
रेणु जोगी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा स्थापित पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए विधायक धर्मजीत सिंह को जेसीसी (जे) से निष्कासित कर दिया गया है।
रेणु जोगी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस वर्ष 31 जुलाई को पटना में भाजपा अध्यक्ष ने बयान दिया था कि देश में सभी क्षेत्रीय दल ख़त्म हो जाएंगे ....। यह एक ऐसी अलोकतांत्रिक विचारधारा है जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय अस्मिता और स्वाभिमान को कुचल कर जबरन देश में केवल एक दलीय व्यवस्था स्थापित करना है।‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में शिवसेना, झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, बिहार में जनता दल यूनाइटेड, दिल्ली में आम आदमी पार्टी और अब छत्तीसगढ़ में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अस्तित्व को मिटाने का प्रयास ‘ऑपरेशन लोटस‘ का ही हिस्सा है।‘‘ राज्य के कोटा विधानसभा क्षेत्र की विधायक रेणु जोगी ने कहा, ‘‘हमें सूत्रों से सूचना मिली थी कि 19 सितंबर को दोपहर दो बजे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का जबरन भाजपा में विलय करने और पार्टी को हथियाने के काम को अंजाम दिया जाने वाला है। इस पूरे षड़यंत्र की पटकथा पिछले कुछ महीनों से दिल्ली से रायपुर तक लिखी जा रही थी।‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘हमने अनेकों बार इस संबंध में अपने दोनों विधायकों --धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा से चर्चा कर किसी भी बहकावे में न आने का निवेदन किया था। लेकिन फिर भी, मुझे बिना जानकारी दिए, 27 अगस्त 2022 को ये दोनों विधायक रायपुर में केंद्रीय मंत्री (केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) के कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।‘‘ रेणु जोगी ने कहा, ‘‘हमारे पास पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए भारी मन से उन्हें (सिंह को) पार्टी से निकालने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।’’ उन्होंने कहा कि ऑपरेशन लोटस छत्तीसगढ़ में विफल रहा।
जेसीसी (जे) विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के हितों की ‘अनदेखी’ करने के आरोप में रविवार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। वह लोरमी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं।
सिंह ने सोमवार को पार्टी नेतृत्व पर आरोप लगाया था कि अपने ‘कुकृत्य‘ को छिपाने के लिए उन्हें पार्टी से निकाला गया है।
इधर रेणु जोगी के आरोपों को नकारते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि उनकी पार्टी को एक ऐसी पार्टी के लिए किसी भी तरह के ऑपरेशन चलाने की जरूरत नहीं है, जिसमें केवल दो व्यक्ति मां और बेटा (रेणु जोगी और अमित जोगी) हों।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने वर्ष 2016 में कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था और जेसीसी (जे) का गठन किया था। उस दौरान अजीत जोगी के सबसे करीबी धर्मजीत सिंह थे। बाद में मई 2020 में अजीत जोगी का निधन हो गया।
छत्तीसगढ़ के 90 सदस्यीय विधानसभा में सिंह समेत जेसीसी (जे) के तीन विधायक हैं। वहीं सत्ताधारी कांग्रेस के 71 और भाजपा के 14 विधायक हैं। जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो विधायक हैं।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी के नेतृत्व वाली पार्टी ने पांच सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में हुए उपचुनावों में दो सीटें कांग्रेस से हार गई।


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