किसी के भी दिल और दिमाग पर राज करना चाहते हैं तो मानें चाणक्य की ये बात

Sunday, Dec 13, 2015 - 01:34 PM (IST)

इन्द्रियजयस्य मूलं विनय:।

इन्द्रियों पर विजय का आधार विनम्रता है।

जिस राजा ने विनम्रता के मर्म को समझकर विनम्र रहना सीख लिया और अपने सभी आचार-विचार में विनम्रता का प्रयोग करना प्रारंभ कर दिया है, उस राजा को स्वत: ही इन्द्रियों पर विजय प्राप्त हो जाती है। वह अपने विनम्र स्वभाव से सभी का हृदय जीत लेता है।

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