चाणक्य नीति: व्यवहारिक जीवन से संबंधित इन बातों को कभी न भूलें

Thursday, Aug 18, 2016 - 12:04 PM (IST)

आचार्य चाणक्य को राजनीति एवं कूटनीति में संपन्न अौर अर्थशास्त्र के विद्वान माना जाता है। उन्होंने अपने ज्ञान को स्वयं तक सीमित न रखकर चाणक्य नीति में लिखकर अपनी आने वाली पीढ़ियों को दिया। उनकी नीतियां जीवन में मुसीबतों से छुटकारा पाने के लिए प्रयोग की जा सकती हैं। उन्होंने व्यवहारिक जीवन से संबंधित बहुत सारी बातें बताई हैं, जिन्हें भूलना नहीं चाहिए।

 

* धनवान व्यक्ति के बहुत सारे मित्र अौर संबंधी होते हैं। धनवानों को ही पंडित कह कर सम्मानित किया जाता है।

 

* लालची व्यक्ति को वस्तु भेंट कर, कठोर आदमी को हाथ जोड़कर, मूर्ख को सम्मान देकर अौर विद्वान के सामने सत्य बोलकर संतुष्ट किया जा सकता है।

 

* बेकार राज्य का राजा होने से अच्छा व्यक्ति किसी भी राज्य का सम्राट न हो। पापी का सखा होने से अच्छा बिना मित्र के रहना है। मूर्ख शिष्य का गुरु होने से बेहतर शिष्य के बिना रहना है । बुरी पत्नी से उत्तम बिना स्त्री रहना अच्छा है।

 

* व्यक्तियों को अपनी इन्द्रियां बगुले की भांति वश में करनी चाहिए अर्थात लक्ष्य को स्थान, समय अौर योग्यता का ध्यान रखते हुए पूरा करें।

 

* मुर्गे से सीखें ये चार बातें- सही वक्त पर उठना, निडर बनना, संपत्ति का संबंधियों से उचित बंटवारा अौर अपने कष्ट से रोजगार प्राप्त करें।

 

* श्वान से सीखें चार बातें- अत्यधिक भूख लगने पर भी कुछ न मिले तो संतोष करें, गहरी नींद सो रहे हों तो भी शीघ्र उठ जाएं, अपने स्वामी के प्रति ईमानदार रहें अौर निडर रहें।

 

* गधे से सीखें तीन बातें- अपना बोझ उठाना न छोड़ें, सर्दी-गर्मी की चिंता न करें अौर सदैव संतुष्ट रहें।

 
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