व्यक्ति को परखने के लिए ध्यान रखें आचार्य चाणक्य की 4 बातें

punjabkesari.in Monday, Sep 19, 2016 - 08:52 AM (IST)

राजनीति अौर अर्थशास्त्र के ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में जीवन से संबंधित प्रत्येक पहलुअों का वर्णन किया है। जिन पर अमल करके परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है। चाणक्य की नीति के आधार पर किसी स्त्री या पुरुष को परखेंगे तो व्यक्ति के संबंध में सही जानकारी प्राप्त की जा सकती है।


आचार्य चाणक्य कहते हैं-

यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:।

तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।


अर्थात: सोने की परख उसे रगड़कर, काटकर, आग में तपा कर अौर पीट कर की जाती है। इन चार कार्यों को करने के पश्चात ही शुद्ध सोने की परख होती है। इसी प्रकार व्यक्ति को परखने से लिए भी चार बातों का ध्यान रखना चाहिए।


त्याग की भावना देखना

व्यक्ति को परखने के लिए उसकी त्याग क्षमता को देखना चाहिए। दूसरों के सुख के लिए स्वयं के सुख का त्याग करने वाला अच्छा इंसान होता है। जिनमें त्याग की भावना नहीं होती वे अच्छे इंसान नहीं होते अौर न ही वे किसी का भला करते हैं।


चरित्र देखना

जिन लोगों का चरित्र अच्छा होता है वे भी अच्छे इंसान होते हैं। अच्छे चरित्र वाले लोगों के मन में दूसरों के प्रति गलत भावनाएं नहीं होती। जिस व्यक्ति के चरित्र अौर विचार ठीक नहीं है उनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए। 


गुण देखें

इंसान की पहचान उसके गुणों से की जा सकती है। वैसे सभी में कुछ गुण अौर अवगुण होते हैं परंतु कुछ लोगों में अवगुण अधिक होते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए। छोटी-छोटी बात पर क्रोधित होना, झूठ बोलना, दूसरों का अपमान करना, अहंकार आदि अवगुण होने वाला व्यक्ति श्रेष्ठ नहीं माना जाता।


कर्म से करें परख

व्यक्ति के गुणों के साथ-साथ उसके कर्मों से भी उसकी पहचान की जा सकती है। व्यक्ति को परखते समय उसके कर्मों को देखना चाहिए। गलत तरीके से धन संचित करने वाला अौर अधार्मिक कार्य करने वाले से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। गलत कार्य करने वाले इंसान आस-पास के लोगों पर भी बुरा प्रभाव डालते हैे। इस प्रकार के लोगों से मित्रता करने पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। 


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