चाणक्य नीति: सामने वाले की योग्यता देख न करें ऐसा कार्य

Sunday, Aug 28, 2016 - 03:51 PM (IST)

आचार्य चाणक्य का जन्म करीब 300 ईसा पूर्व में हुआ माना जाता है। महान राजनीतिज्ञ अौर कुटनीतिज्ञ होने के साथ-साथ इन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना व चन्द्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। पाटलिपुत्र से संबंध होने के कारण उसे इन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया। नितिशास्त्र व अर्थशास्त्र के पितामह  आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को सामने वाले की योग्यता देखकर उससे शत्रुता नहीं करनी चाहिए।

 

न ज्यायसा समेन वा।

 

व्याख्या : अपने से अधिक शक्तिशाली और समान बल वाले से शत्रुता न करें। यदि राजा ऐसा अनुभव करे कि सामने वाला शत्रु अधिक शक्तिशाली है या उसी के समान बलशाली है तो उससे शत्रुता नहीं करनी चाहिए।

 

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