चाणक्य नीति: राजा में ये गुण होने पर नहीं होती पड़ोसी राज्यों से शत्रुता

Sunday, Aug 07, 2016 - 04:13 PM (IST)

आचार्य चाणक्य एक बड़े दूरदर्शी विद्वान थे। चाणक्य जैसे बुद्धिमान, रणनीतिज्ञ, चरित्रवान व राष्ट्रहित के प्रति समर्पित भाव वाले व्यक्ति भारत के इतिहास में ढूंढने से भी बहुत कम मिलते हैं। इनकी नीतियों में उत्तम जीवन का निर्वाह करने के बहुत से रहस्य समाहित हैं, जो आज भी उतने ही कारगर सिद्ध होते हैं। जितने कल थे। इन नीतियों को अपने जीवन में अपनाने से बहुत सी समस्याओं से बचा जा सकता है।

 

अनन्तरप्रकृति: शत्रु:।

 

भावार्थ: निकट के राज्य स्वभाव से शत्रु हो जाते हैं।

प्राय: यह देखा गया है कि सीमा के निकट वाले राज्य किसी-न-किसी बात पर आपस में लड़ पड़ते हैं और एक-दूसरे के शत्रु बन जाते हैं। यह एक स्वाभाविक तथ्य है। अत: एक योग्य राजा को सदैव अपने पड़ोसी राजा के हितों का ध्यान रखना चाहिए और सावधान रहना चाहिए।

 

 

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