चाणक्य नीति: इन लोगों के कार्यों में न डाले रुकावट, बन सकते हैं शत्रु

punjabkesari.in Thursday, Jul 28, 2016 - 10:40 AM (IST)

आचार्य चाणक्य ने बहुत सारी नीतियों का निर्माण किया है। उन्होंने बहुत सारी परिस्थियों से संबंधित नीतियां दी है। आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों के बारे में बताया है जो अपने कार्यों में रुकावट डालने वालों को अपना शत्रु समझते हैं। आइए जानें ऐसे लोगों के बारे में-

 

* चाणक्य के अनुसार जिस स्त्री का चरित्र बुरा होता है, जो अधार्मिक कार्य करे अौर पराए पुरुषों की अोर आकर्षित हो तो ऐसी स्त्रियों का पति ही उनका दुश्मन होता है। जब उनका पति उन्हें ऐसा कार्य करने से रोकता है तो पत्नी उसे अपना दुश्मन मामने लग जाता है। यही बात पुरुषों पर भी लागू होती है। ऐसी बुराईयां होने पर पति-पत्नी को एक-दूसरे की गलतियों की सजा भुगतनी पड़ती है इसलिए सुखी दांपत्य जीवन के लिए पति-पत्नी दोनों को ऐसे कार्य न करके समझदारी से जीवन यापन करना चाहिए।

 

* लालची व्यक्ति का मोह धन के साथ ही होता है। ऐसे लोग अपनी जान से अधिक धन को अहमियत देते हैं। जो लोग इनसे धन मांगते हैं, उन लोगों को ये अपने शत्रु समान समझते हैें। इस प्रकार के लालची लोग दान-पुण्य के कार्यों को व्यर्थ समझते हैंं। 

 

* मंदबुद्धि लोग ज्ञानी लोगों को अपना दुश्मन मानते हैं। मूर्ख लोगों को ज्ञान देने वाले शत्रु समान प्रतीत होते हैं। ज्ञान से संबंधित बातें मूर्ख लोगों की समझ से बाहर होती है। वे  ऐसी बातों पर अमल नहीं करते। मूर्ख लोगों का स्वभाव उन्हें ऐसी बातों से दूर रखता है।

 

* आचार्य चाणक्य कहते हैं कि चोरों का शत्रु चांद होता है क्योंकि वे अपना कार्य रात के अंधेरे में करते हैं। ऐसे में रात के अंधेरें में उन्हें चांद शत्रु समान प्रतीत होता है। चांद की चांदनी अंधेरे को दूर कर देती है, जिसके कारण चोर सरलता से चोरी नहीं कर पाते।

 


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