चाणक्य नीति: पुरुषों को मृत्यु के समान दुख देती हैं, ये स्थितियां

Friday, Jul 22, 2016 - 09:51 AM (IST)

आचार्य चाणक्य की नीतियां विश्व प्रसिद्ध हैं। उनके द्वारा बनाई गई नीतियों का अनुसरण करने से व्यक्ति को कभी भी बुरे दिनों का सामना नहीं करना पड़ता। आचार्य चाणक्य की नीतियों का अनुसरण कर साधारण बालक चंद्रगुप्त मगध का सम्राट बना था। चाणक्य ने जीवन की प्रत्येक परिस्थियों से संबंधित नीतियां बनाई हैं। उन्होंने पुरुषों के लिए तीन स्थितियां बताई हैं, जिसमें उन्हें मृत्यु तुल्य दुख उठाना पड़ता है।

 

बुढ़ापे में पत्नी का निधन

आचार्य चाणक्य के अनुसार बुढ़ापे में पति-पत्नी के लिए एक-दूसरे का साथ जरुरी होता है। यदि इस अवस्था में पत्नी का निधन हो जाए तो यह दुर्भाग्य की बात है क्योंकि एेसी अवस्था में पुरुष के लिए अकेले जीवन यापन करना मुश्किल हो जाता है इसलिए वृद्ध अवस्था में पत्नी की मृत्यु के बाद पति के लिए जीना दुर्भाग्य बन जाता है।

 

सारी जमा-पूंजी दुश्मनों के पास जानी

जब किसी व्यक्ति की संपूर्ण धन-दौलत उसके दुश्मनों के पास चली जाए अर्थात वे उसे हथिया लेते हैं तो यह उसके लिए बुरी बात होती है। मेहनत से कमाई सारी जमा-पूंजी किसी दूसरे के हाथ जाने से वह व्यक्ति बर्बाद हो जाता है। उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उसके लिए अपना अौर परिवार का जीवन निर्वाह करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यदि दुश्मन उसी व्यक्ति का धन उसे बर्बाद करने में प्रयोग करेंगे तो उसके लिए इससे बड़ी दुख की बात क्या हो सकती है।

 

दूसरों के अधीन जीवन यापन

व्यक्ति को स्वयं मेहनत करके जीवन यापन करना चाहिए। जो व्यक्ति दूसरों के अधीन रहते हैं, अन्यों द्वारा दिया भोजन ग्रहण करते हैं अौर दूसरों के सहारे जीवन व्यतीत करते हैं, ऐसे पुरुषों का जीवन नर्क की भांति होता है। ऐसी अवस्था में उन्हें खुशी का अनुभव नहीं होता अौर वह बहुत सारे कष्टों का सामना करता है।

 
Advertising