चाणक्य नीति: ये दोष त्यागने से हो सकती है, श्रीवृद्धि और विकास

Sunday, May 22, 2016 - 12:41 PM (IST)

आलसी नेतृत्व से हानि 

 
''अलब्धलाभो नालसस्य।''

अर्थ : आलसी राजा अप्राप्त लाभ को प्राप्त नहीं करता।
 
भावार्थ : जो राजा आलसी होता है वह उस अप्राप्त लाभ को प्राप्त नहीं कर पाता, जो उसके राज्य की श्रीवृद्धि और विकास में सहायक हो सकता है। आलस्य के कारण वह आज की बात कल पर टालता चला जाता है।
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