किसी को अपने वश में करने के लिए पढ़ें, चाणक्य नीति सूत्र

Wednesday, Nov 25, 2015 - 11:48 AM (IST)

सम्पादितात्मा जितात्मा भवति।

जिसकी आत्मा संयमित होती है, वही आत्मविजयी होता है।

आत्मविजयी होने के लिए आत्मा को व्यवस्थित और नियंत्रित करना होता है। जो राजा अपनी आत्मा अर्थात् अपने मन को वश में करके प्रजा के साथ व्यवहार करता है, वह आत्मविजयी कहलाता है। जिसने स्वयं पर नियंत्रण करना सीख लिया है, वही दूसरों पर नियंत्रण कर सकता है।

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