भाग्य अलग-अलग

Sunday, Jul 12, 2015 - 10:35 AM (IST)

पिता रत्नाकरो यस्य लक्ष्मीर्यस्य सहोदरा।
शंखो भिक्षाटनं कुर्यान्नाऽदत्तमुपतिष्ठते।।


अर्थ : जिसका पिता समुद्र है, जिसकी बहन लक्ष्मी है ऐसा होते हुए भी शंख भिक्षा मांगता है।।5।।

भावार्थ : लक्ष्मी और शंख का जन्म समुद्र्र से ही माना जाता है । प्राय: देखा जाता है कि साधु लोग शंख बजाकर गृहस्थियों के घर से भिक्षा  मांगते हैं । इसी से कहा गया है कि शंख भिक्षा मांगता है । भाव यह है कि एक ही कोख से जन्म लेने वालों का भाग्य अलग-अलग होता है ।

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