अपमान से बेहतर मृत्यु

punjabkesari.in Monday, May 18, 2015 - 03:42 PM (IST)

वरं प्राणपरित्यागो मानभंगे जीवनात्।

प्राणत्यागे क्षणं दु:खं मानभंगे दिने दिने।।

अर्थ : अपमान कराके जीने से तो अच्छा मर जाना है क्योंकि प्राणों के त्यागने से केवल एक ही बार कष्ट होगा, पर अपमानित होकर जीवित रहने से जीवनपर्यन्त दुख होगा ।

भावार्थ : भाव यह है कि सम्मानित जीवन ही जीने के योग्य होता है। अपमानित होकर जीने से तो मरना बेहतर है।


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