बच कर रहें ऐसे लोगों से, गलती न होने पर भी भोगना पड़ेगा दुख

Tuesday, Jul 26, 2016 - 02:56 PM (IST)

राजनीति और कूटनीतिज्ञ के पितामाह आचार्य चाणक्य ने बहुत सारी नीतियों का निर्माण किया है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति गलत कार्य करता है, उसको उसका फल अवश्य मिलता है परंतु आचार्य चाणक्य ने बताया है कि कुछ लोगों की गलतियों का खामियाजा दूसरों को भुगतना पड़ता है।

 

राजा राष्ट्रकृतं पापं राज्ञ: पापं पुरोहित:।

भर्ता च स्त्रीकृतं पापं शिष्यपापं गुरुस्तथा।।

 

इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने उन लोगों के बारे में बताया है, जिनकी गलतियों से दूसरों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है

 

* आचार्य चाणक्य के अनुसार जो पत्नी गलत काम करे, ससुरालवालों का ख्याल न रखे अौर अपने कर्त्तव्यों का पालन अच्छे से नहीं करती तो उसके सारे कार्यों का फल उसके पति को झेलना पड़ता है। ऐसे ही यदि पति गलत काम करे तो उसका फल उसकी पत्नी को भुगतना पड़ता है इसलिए ऐसे कार्य न करके पति-पत्नी एक-दूसरे को अच्छी सीख दें अौर गलत काम करने से रोकें।

 

* जब शासन में मंत्री, सलाहकार अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते अौर राजा को सही-गलत कार्यों की जानकारी नहीं देते तो इसका खामियाजा राजा को ही भुगतना पड़ता है।

 

* जब राज्य या देश की जनता गलत कार्य करती है तो उसका फल राजा को झेलना पड़ता है इसलिए राजा का उत्तरदायित्व है कि वह लोगों को ऐसे काम करने से रोके। यदि राजा अपना काम अच्छे से नहीं करता तो जनता उसके विरोध के लिए स्वयं भी गलत काम करने लगती है फिर उसका जिम्मेदार राजा ही होता है।

 

* शिष्य के गलत काम के लिए गुरु जिम्मेदार होता है। उसका फल गुरु को ही झेलना पड़ता है। गुरु का फर्ज है कि वह अपने शिष्य को गलत कार्य करने से रोके अौर उसे अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करे। यदि गुरु ऐसा न करें तो शिष्य गलत कार्य करते रहेंगे अौर इसका दोष गुरु को ही लगेगा।

 

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