खुड्डा अलीशेर में चला प्रशासन का पीला पंजा, मकान गिरते देख रोती रहीं महिलाएं और बच्चे

Saturday, Apr 28, 2018 - 08:29 AM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र): चंडीगढ़ प्रशासन के संपदा विभाग ने शुक्रवार को गांव खुड्डा अलीशेर में लाल डोरे के बाहर हुए निर्माण को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया। इस दौरान लाल डोरे के बाहर बने 52 मकानों और दुकानों को जे.सी.बी. की सहायता से गिरा दिया गया। 

 

इस मौके पर संपदा विभाग की टीम के साथ भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी मौजूद थी। प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में चंडीगढ़ कांग्रेस के नेताओं और स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन भी किया, जिसके चलते पुलिस की कार्यकर्ताओं  और लोगों के साथ जमकर झड़प भी हुई। 

 

पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं और लोगों को हिरासत में लेकर बाद में रिहा कर दिया। इस झड़प के बाद प्रशासन की कार्रवाई के चलते दो महिलाएं बेहोश भी हो गई, जिन्हें तुरंत उपचार के लिए ले अस्पताल पहुंचाया गया। इसके अलावा एक बुजुर्ग व्यक्ति और कुछ अन्य लोगों को हल्की चोटें भी लगी। 


हाईकोर्ट के निर्देश पर ड्राइव चलाई 
लाल डोरा गांव में एक एक्सटैंशन है, जिसे गांववासी नॉन एग्रीकल्चरल पर्पस के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस जमीन पर वे मवेशी आदि रख सकते हैं। लैंड रैवेन्यू डिपार्टमैंट ने इस एरिया को लाल डोरे के नाम से मार्क किया है। इसके बाहर कृषि भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण अवैध माना जाता है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर ये ड्राइव चलाई गई। 

 

जबरदस्ती घर से बाहर निकाल गिराए मकान
कुछ लोगों ने अपने घरों के अंदर से कुंडी भी लगा ली और कर्मचारियों को अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद ही पुलिस कर्मियों ने पहले तो जबरदस्ती इन लोगों को घरों से बाहर निकाला। इसके बाद ही इनका सारा सामान भी बाहर निकाला गया, जिसके बाद ही तोड़-फोड़ की कार्रवाई शुरू 
की गई।

 

कुछ समय के लिए ड्राइव को रोकना पड़ा
लोग जे.सी.बी. के सामने ही लेट गए। इसके चलते अधिकारियों को पहले तो कुछ समय के लिए ड्राइव को रोकना पड़ा। इस दौरान अधिकारियों ने विचार विमर्श के बाद पुलिस फोर्स को लोगों के साथ सख्ती से निपटने के निर्देश दिए। इसके बाद ही पुलिस कर्मियों ने धरने और सड़क पर लेटे लोगों को वहां से उठाना शुरू किया, जिसके चलते पुलिस के साथ लोगों की जमकर झड़प भी हुई। 

 

कार्रवाई के विरोध में सड़क पर लेट गए लोग 
संपदा विभाग की टीम सुबह ही कार्रवाई के लिए मौके पर पहुंच गई थी, जिसमें कि सब डिवीजनल मैजिस्ट्रेट अर्जुन शर्मा और विराट भी शामिल थे। पहले तो गांव के बाहर बनी कुछ दुकानों को टीम ने गिरा दिया। इसके बाद टीम ने जैसे ही कार्रवाई के लिए आगे बढऩा शुरू किया तो कांग्रेसी नेताओं समेत स्थानीय लोग सड़क पर ही लेट गए और टीम को आगे नहीं बढऩे दिया।

 

पिक एंड चूज की नीति पर जताया विरोध 
इस दौरान पिक एंड चूज की नीति पर लोगों ने अपना विरोध भी दर्ज करवाया। लोगों ने कहा कि यहां पर पूर्व जजों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत अन्य के फार्म हाऊस हैं, जिसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर एस.डी.एम. ने कहा कि ये वर्ष 2012 से पहले के बने हैं। इसमें एक सीमित एरिया में निर्माण है, जिसे कि अप्रूवल के बाद ही बनाया गया है, इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं बनती है। 

 

मकान गिरते देख रोती रहीं महिलाएं और बच्चे 
अपने मकान गिरते देख लोग रोते रहे। इनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल थे। महिला आशी कुमार ने कहा कि वर्ष 2014 में उन्होंने ये मकान लिया था। न तो उन्हें कोई नोटिस दिया गया और न ही टाइम। इस तरह विभाग ने अचानक ये गलत कार्रवाई की है। अब वह अपने बच्चों को लेकर कहां जाएंगी। 

 

इसी तरह त्रिलोचन सिंह ने कहा कि वे पिछले सात सालों से यहां रह रहे हैं। यहां तक कि मकानों को नंबर तक दिया हुआ है, इसलिए ये प्रशासन की कार्रवाई गलत है। मोहम्मद जहांगीर ने कहा कि उन्होंने 9 लाख रुपए में ये मकान खरीदा था। 

 

प्रशासन ने कोई नोटिस नहीं दिया और अचानक ही ये कार्रवाई कर दी, जो कि गलत है। वी.के. जोशी ने कहा कि उनके रिश्तेदार का यहां मकान है, जो कि लंबे समय से यहां रह रहे हैं। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को अप्रोच भी किया लेकिन उन्होंने मिलने तक के लिए समय नहीं दिया। बिना नोटिस मकान तोड़ दिए गए। ऐसी स्थिति में अब वे कहां पर जाएंगे। 

 

प्रशासन के कुछ अधिकारी सरकार को कर रहे बदनाम: भट्टी
बी.जे.पी. की सरकार, बी.जे.पी. की एम.पी. उसके बावजूद मकान गिराए जाने पर बी.जे.पी. नेता  ने कहा प्रशासन के कुछ अधिकारी सरकार को बदनाम करना चाहते हैं।  उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये अधिकारी बाहर से तीन साल के लिए आते हैं और लूट-खसोट कर के चले जाते हैं। 

 

बी.जे.पी. नेता रामवीर भट्टी ने मकान गिराने की कार्रवाई का विरोध किया और वे जे.सी.बी. के आगे लेट गए। वहीं, कांग्रेस के पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल और चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रधान प्रदीप छाबड़ा ने भी इसका विरोध किया और इस दिन को काला दिन करार दिया। उन्होंने कहा कि मैरिज पैलेस को छुआ तक नहीं गया।

Punjab Kesari

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