हाईवे पर शराबबंदी के साथ ही सैलानियों की चहल-पहल हुई कम

punjabkesari.in Monday, Apr 10, 2017 - 03:36 PM (IST)

पंचकूला  : हाईवे पर शराबबंदी का असर पर्यटन पर भी पड़ा है। सैलानियों को शराब न मिलने की वजह से फिलहाल शहर की ओर उनका रुझान कम हुआ है।  जिसकी मार  टूरिज्म विभाग झेल रहा है। चंडीगढ़-शिमला पुराने हाईवे पर स्थित मुगलकालीन यादवेन्द्र गार्डन के बियर-बार में फिलहाल जाम टकराने की आवाजें बंद पड़ी हैं, जिससे टूरिज्म विभाग को तीसरी बार बड़ा झटका लगा है। 

 

इससे पहले 1996 में तत्कालीन हविपा-भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश में शराबबंदी लागू करने के कारण यह बार बंद किया था बेशक बाद में शराबबंदी खत्म होने के बाद बार पुनः गुलजार हो गया था, लेकिन सन 1999 में गार्डन के अंदर का मिनी जू बंद होने के बाद भी पर्यटकों की संख्या और आय में भारी गिरावट आई थी। अप्रैल, 2012 में पिंजौर-कालका बाईपास बनने के बाद भी यहां सैलानियों की संख्या में 30 से 40 प्रतिशत की आई कमी से पर्यटन विभाग अभी तक उबर भी नहीं पाया था कि आय का एकमात्र सहारा बार भी बंद होने की नौबत आन पड़ी है।

 

टूरिज्म विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिंजौर के मोटल की बाईपास से दूरी 500 मीटर से अधिक है यहां बार एंड रेस्टोरेंट एकसाथ ही हैं। यदि गार्डन के मुख्य गेट को भी आधार माना जाए तो भी गेट से बार की दूरी लगभग 200 मीटर पड़ती है। इसलिए एक्ससाईज विभाग भी असमंजस की स्थिति में है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश होने के कारण कोई रिस्क भी नहीं लिया जा सकता।

 

इसलिए एक्साईज विभाग एक्सपर्ट टीम भेजकर हाईवे से गार्डन तक की दूरी मापकर तसल्ली कर लेना चाहता है, इसलिए बार बंद किया है। अब देखना होगा कि एक्साईज एक्सपर्ट टीम हाईवे से गार्डन के मेन गेट को आधार मानेगी या पीछे मोटल वाले गेट को आधार मानती है। टूरिज्म विभाग को टीम के आने का बेसब्री से इंतजार है।


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