शहर के किन एरिया में वायु प्रदूषण अधिक,प्रशासन करवा रहा डिटेल स्टडी

punjabkesari.in Thursday, Apr 13, 2023 - 07:16 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा)।शहर में वायु प्रदूषण के सभी कारणों व उनके उपायों को जानने के लिए यूटी प्रशासन के चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की तरफ से स्टडी करवाई जा रही है। एरिया वाइज ये स्टडी होगी, जिसमें प्रदूषण के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए डेटा तैयार किया जाएगा, ताकि आगे प्रदूषण को कम करने के लिए सभी तरह के उपायों पर काम किया जा सकें। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने प्रशासन को प्रोजेक्ट के लिए प्रशासन को 40 लाख रुपए का फंड भी जारी किया गया था और उसी के तहत कमेटी इस पर आगे काम कर रहा है।

 

 

सीपीसीसी के सदस्य सचिव अरुलराजन पी ने इस संबंध में बताया कि वह ये स्टडी करवाने जा रहे हैं, जिसके लिए हाल ही में उन्होंने इच्छुक एजेंसियों से आवेदन मांगे हैं।प्रोजेक्ट के लिए ही बोर्ड की तरफ से 40 लाख रुपए भी उन्हें जारी किए गए थे। बताया जा रहा है कि मध्य मार्ग समेत ट्रिब्यून चौंक आदि को भी स्टडी में शामिल गया जाएगा, क्योंकि यहां पर पीक ऑवर्स में सबसे अधिक ट्रैफिक जाम होता है और ये प्रदूषण का भी कारण बनता है। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र में भी इंडस्ट्री के कारण प्रदूषण होता है। स्टडी के बाद ही ये सामने आएगा कि किस तरह का पलूशन कौन से एरिया में अधिक है और इनके समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। विभाग के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र में वह ऐसे पेड़ लगाएंगे, जो यहां पर प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे।

 

 

 

-चंडीगढ़ का ज्योग्राफिकल एरिया 114 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें से लगभग
50 प्रतिशत एरिया ग्रीन कवर है। शहर की आबादी करीब 12 लाख है और दूसरी तरफ वाहनों की संख्या बढ़कर 11 लाख के करीब पहुंच गई है। जनसंख्या और वाहनों में तेजी से वृद्धि के कारण शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन के सामने एक नई चुनौती पैदा हो गई है। शहर में वायु प्रदूषण के अलग-अलग कारण है। इनमें जिन कारणों से अधिक प्रदूषण हा रहा है, उनकी पहचान व उनके समाधान के लिए ही प्रशासन ने ये स्टडी करवाने का फैसला लिया है। बता दें कि वायु प्रदूषण के स्रोतों में प्रमुख रुप से वाहन, उद्योग, घरेलू और प्राकृतिक स्रोत शामिल है। हवा में प्रदूषित होने के चलते ये लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।

 

 

 

-ऐसे की जाएगी स्टडी 
पहले तो प्रदूषण के सभी स्त्रोतों की पहचान की जाएगी। औद्योगिक, घरेलू, व्यावसायिक संस्थानों से होने से वाले प्रदूषण को लेकर डेटा तैयार किया जाएगा। इसके अलावा सभी प्रकार के वाहनों पर प्राथमिक डेटा एकत्रित किया जाएगा कि प्रत्येक प्रकार द्वारा सड़क पर तय की गई औसत दूरी, उनके निरीक्षण और रखरखाव समय पर हो रहा है या नहीं। ये डेटा यात्रा द्वारा प्रदूषण भार का अनुमान लगाने में मदद करेगा।

 

 

-एक घर में दो से अधिक वाहन
चंडीगढ़ एक लैंडलॉक शहर है, जिसमें विस्तार की कोई संभावना नहीं है, जिससे साफ है कि शहर की सड़कों को भी और ज्यादा चौड़ा नहीं किया जा सकता है। अलग-अलग स्टडी से सामने आया है कि चंडीगढ़ में हवा की गुणवत्ता ज्यादातर शहर के वाहनों के प्रदूषण से प्रभावित होती है। एक घर में दो से अधिक वाहन हैं। चंडीगढ़ देश में सर्वाधिक कारों के घनत्व वाला शहर है। हर तीन मिनट में एक नया वाहन सड़क पर उतर रहा है। चंडीगढ़ में प्रति 1000 लोगों पर 731 के करीब गाड़ियां हैं जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है। शहर में में वायु गुणवत्ता विभिन्न प्रकार के जटिल स्रोतों से प्रभावित होती है। प्रमुख स्रोतों की पहचान के लिए विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता है। शहरी वायु प्रदूषण में उनके योगदान का आंकलन करना और उसे कम करने का सुझाव व उपाय ही इस स्टडी का उद्देश्य है। इसके अलावा विभिन्न वायु प्रदूषण के कारणों, उनकी उत्सर्जन दरों के लिए सूची तैयार करना भी स्टडी का मकसद है।

 

 

चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण के ये हैं प्रमुख स्त्रोत 
1. वाहन घनत्व
2. सड़क के किनारे की धूल
3. सूखे पत्तों को जलाना
4. शहर में पेड़ों और गार्डनों से निकलने वाला कूड़ा
5. शहर से सटे कुछ क्षेत्रों में जनरेटर सेट का संचालन
6. चंडीगढ़ के पड़ोसी इलाकों में साल के खास मौसम में पराली जलाना।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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