दूसरे दिन भी ठप्प रहा बैंकों में कामकाज, लोग रहे परेशान

Sunday, Feb 02, 2020 - 01:19 PM (IST)

चंडीगढ़(साजन) : बैंक कर्मचारियों की पिछले लंबे समय से लटक रही मांगों के विरोध में यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के बैनर तले देश के अन्य हिस्सों की तर्ज पर चंडीगढ़ के हजारों बैंक कर्मचारी शनिवार को भी हड़ताल पर रहे जिससे बैंकों का सारा कामकाज ठप्प रहा। कई ए.टी.एम. में भी पैसे न होने की वजह से लोगों को दिक्कतें हुई। 

इस हड़ताल को ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज, ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कॉन्फैडरेशन, इंडियन कॉन्फैडरेशन आफ बैंक इंप्लाइज, ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन, बैंक इंप्लाइज फैडरेशन आफ इंडिया, इंडियन नैशनल बैंक इंप्लाइज फैडरेशन, इंडियन नैश्नल बैंक आफिसर्स कांग्रेस, नैशनल ऑर्गेनाजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स और इंडियन ऑर्गेनाजेशन ऑफ बैंक आफिसर्स का समर्थन प्राप्त है।

मौजूद वेज रिविजन नवम्बर-2017 से लंबित :
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के चंडीगढ़ स्थित संयोजक संजय कुमार शर्मा ने सैक्टर-17 स्थित एस.बी.आई. मुख्यालय के बाहर हड़ताली कर्मचारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बैंक कर्मियों और अधिकारियों की वेज और सर्विस कंडीशन द्विपक्षीय समझौते द्वारा शासित होते हैं। 

यह कंडीशंस इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के साथ वार्ता से उत्पन्न निष्कर्ष और यूनियन द्वारा सबमिट मांगों के आधार हर पांच वर्षो में रिवाइज्ड की जाती है। अंतिम सेटेलमैंट नवम्बर 2012 से अक्तूबर 2017 तक का हुआ था जबकि मौजूद वेज रिविजन नवम्बर 2017 से लंबित है।

आई.बी.ए. अपने रवैये से टस से मस नहीं हो रहा :
सैटेलमैंट संबंधी बीते अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्रालय के डिपार्टमैंट आफ फाइनैंशियल सर्विसिस ने जनवरी 2016 में किये अपने पत्राचार के माध्यम से सभी बैंक मैनेजमैंट्स और आई.बी.ए. को सलाह दी थी कि प्रक्रिया में तेजी लाए और नवम्बर 2017 से पहले 11वें वेज सेटलमैंट का निपटारा करें। 

इस दिशा में यूनियनों ने भी काफी पहले अपना मांग पत्र रखा और इस दिशा में मई 2017 से अपने रुख में तेजी दिखाई। दुर्भाग्यवश आई.बी.ए. ने मई 2018 तक कोई कार्रवाई नहीं की जिसके बाद मात्र दो फीसदी के इजाफे की पेशकश की। गत तीस महीनों से वार्ताओं का दौर चलने के बाद आई.बी.ए. ने 12.25 फीसदी की बढ़ौत्तरी की जो कि सरकार द्वारा 15 फीसदी के पारित बढ़ौत्तरी से कम है। 

संजय कुमार शर्मा ने बताया कि यूनियन के यह मांग बिल्कुल मान्य है। बैंक कर्मियों में व्यापक रोष व्याप्त है परन्तु आई.बी.ए. अपने रवैये से टस से मस नहीं हो रहा है। संजय कुमार ने कर्मचारियों के समक्ष पांच दिन की बैंकिंग, स्पैशल अलाऊंस के साथ बेसिक पे, न्यू पैंशन स्कीम को खत्म करने, फैमिली पैंशन में सुधार, स्टाफ वैल्फेयर फंड के आवंटन आदि मांगों पर भी चर्चा की।

Priyanka rana

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