गर्भाशय कैंसर से ग्रस्त महिलाओं को मनोचिकित्सा की भी जरूरत

Tuesday, Oct 03, 2017 - 10:36 AM (IST)

चंडीगढ़ (पाल): पी.जी.आई. ओ.पी.डी. में रोजाना हजारों अपना इलाज करवाने आते हैं। ऐसे में हर मरीज को डाक्टर्स अपना वक्त नहीं दे पाता। ऐसे में मरीज बीमारी के साथ-साथ मैंटली ट्रॉमा में भी चला जाता है। डाक्टर्स की मानें तो इन मरीजों में कइयों को दवाइयों के साथ ही कॉउंसलिंग की भी जरूरत है। पी.जी.आई. स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ की रिसर्च में पता चला है कि पी.जी.आई. गायनी विभाग में हर वर्ष 500 के करीब सरविक्स कैंसर का इलाज करवाने आ रही है महिलाओं को न सिर्फ शारीरिक तौर पर परेशानी हो रही, बल्कि यह महिलाएं मानसिक तौर पर काफी परेशान है। 

 

रिसर्चर डा. अमुदीप ने पी.जी.आई. में गायनी विभाग में आने वाली इन महिलाओं पर एक पायलट स्टडी की है जिससे पता चला है कि इन महिलाएं को इलाज खासकर रेडियोथैरेपी व कीमोथैरेपी के वक्त स्पैशल कॉउंसलिंग की जरूरत है। स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ के प्रो. डा. अमरजीत की मानें तो स्टडी में पाया गया है कि डाक्टर्स व नर्स को मरीज के साथ बात करने की जरूरत है। लेकिन मरीजों की तादाद अधिक होने की वजह से यह संभव नहीं हो पाता है। फिलहाल पी.जी.आई. में गायनी विभाग की मदद से इन मरीजों की कॉउंसलिंग के लिए अलग से रूम बनाया गया है। रिसर्च में पता चला है कि इन महिलाओं को सैक्सुअल व पर्सनल हाइजिन को लेकर भी ज्यादा अवेयरनैस नहीं है। 

 

कॉउंसलिंग जरूरी
देश में हर वर्ष 1 लाख 32 हजार महिलाएं इस कैंसर की चपेट में आ रही हैं और जिनमें से 67 हजार 500 महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है। रिसर्च अमुदीप की मानें तो वह इस पायलट स्टडी को बड़े स्केल पर करने वाली है ताकि इन मरीजों को और अच्छे से जाना जा सके। रिसर्च के परिणामों को देखते हुए डा. अमरजीत ने बताया कि बचाव व लक्षणों के साथ ही इन मरीजों को कैसे डील करना चाहिए। इसको लेकर वह एक किताब भी पब्लिश करने जा रहे हैं। जो इन महिलाओं के लिए काफी लाभदायक रखेगी। इसके साथ ही इसमें सर्जरी के दौरान केयर, साइको सोशल प्रॉब्लम्स, इंफैक्शन से बचाव, रेडियोथैरेपी व कीमोथैरेपी मैनेजमैंट के बारें में बताया गया है। साथ ही प्री व पोस्ट सर्जरी नियम भी बताए गए हैं। 


 

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