कागजों में नहीं बना गुरुग्राम , केंद्र की मंजूरी के बिना सरकार ने लिया नाम बदलने का फैसला

Tuesday, May 17, 2016 - 10:07 AM (IST)

चंडीगढ़, (पांडेय): हरियाणा सरकार ने भले ही एक महीने पहले गुडग़ांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया हो, पर अब तक उसे वैज्ञानिक मंजूरी नहीं मिल सकी है। मामला केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है लेकिन हरियाणा सरकार ने अपने स्तर पर नए नाम का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। 

 

उधर, गुडग़ांव में हरियाणा सरकार के दफ्तरों में भी दुविधा है। किसी कार्यालय के बाहर गुडग़ांव लिखा है तो किसी कार्यालय के बाहर गुरुग्राम। 12 अप्रैल को हरियाणा सरकार ने मंत्री समूह ने गुडग़ांव का नाम बदलकर गुरुग्राम तथा मेवात का नाम बदलकर नूंह कर दिया था। हरियाणा सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया पर जहां जमकर आलोचना हुई थी, वहीं सार्वजनिक रूप से भी कई लोगों ने इसका विरोध किया था। 

 

तीसरी बार बदला नाम  

गुडग़ांव के इतिहास को देखे तो महाभारत काल में गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों को यहां शिक्षा-दिक्षा दी थी। युद्ध कला में निपुण होने के बाद जब पांडव कुरुक्षेत्र में युद्ध के लिए चले तो उन्होंने यह पूरा क्षेत्र गुरु द्रोणाचार्य को उपहार स्वरूप देते हुए इसका नाम ‘गुरु का ग्राम’ रख दिया था। समय बदलता रहा और यह गुडग़ांव हो गया। यहां आई.टी. कंपनियों तथा बिल्डर लॉबी ने गुडग़ांव को मिलेनियम सिटी व साइबर सिटी नाम रख दिया। 

 

पसोपेश में अफसर

नए नाम को लेकर गुडग़ांव के प्रशासनिक अधिकारी दुविधा में हैं। गुडग़ांव में सिविल प्रशासन के अधिकारी, परिवहन विभाग आज भी गुडग़ांव के नाम से ही कामकाज को आगे बढ़ा रहे हैं। दूसरी तरफ पुलिस विभाग समेत कुछेक ने मौखिक फैसले के बाद अपने स्तर पर नए नाम का इस्तेमाल शुरू कर दिया है

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