प्रीपेड होगी बिजली, लगेंगे स्मार्ट मीटर

Sunday, May 01, 2016 - 04:24 PM (IST)

चंडीगढ़। चंडीगढ़ में अगले साल ही प्रीपेड बिजली का भी ऑप्शन लोगों के पास होगा जिसमें वे पहले ही रिचार्ज करवा सकेंगे और बाद में आने वाले बिल भरने की चिंता नहीं रहेगी। इसको लेकर एक दिन पहले ही जॉइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन(जेईआरसी) ने जो ऑर्डर किए हैं उसमें चंडीगढ़ प्रशासन के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को निर्देश भी दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि वे प्रीपेड इलेक्ट्रिसिटी के लिए टैरिफ प्लान बनाकर भेजें, ताकि चंडीगढ़ में जल्दी ही लोगों को ये सुविधा मिल सके। इसको लेकर इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट की तरफ से जेईआरसी को जवाब भेजा गया गया है कि वे कंपनियों के टाईअप कर रहे हैं और जल्द ही टैरिफ को प्रपोजल बनाकर कमीशन के पास अप्रूवल के लिए भेज देंगे। 
 
स्मार्ट मीटर लगेंगे इसी साल से: 
वहीं स्मार्ट मीटर लगाने का काम प्रशासन इसी साल से शुरू कर देगा। डिपार्टमेंट की तरफ से कहा गया है कि फेज वाइज चंडीगढ़ में मीटर चेंज होंगे और इसके लिए मीटर खरीदने का प्रोसेस अगले दो या तीन महीनों में ही शुरू कर दिया जाएगा। स्मार्ट मीटर लगने का फायदा ये होगा कि इसके जरिए आप बिलिंग सिस्टम जो चल रहा है वैसे भी इलेक्ट्रिसिटी यूज कर सकते हैं और दूसरा प्रीपेड यानी पहले ही रिचार्ज करके भी इलेक्ट्रिसिटी यूज कर सकते हैं। इसके साथ ही आगे घंटों के हिसाब से ही चंडीगढ़ के लिए भी बिजली के रेट तय होने हैं तो उसकी रीडिंग का भी इस मीटर में ऑप्शन रहेगा। 

54 रुपए में हर घर में एलईडी बल्ब :
बिजली के रेट बढ़ गए हैं, इसलिए अगर आप बिजली की बचत करना चाहते हैं तो इसका विकल्प है एलईडी बल्ब। इनके यूज से आपको रोशनी तो पूरी मिलेगी लेकिन आपकी बिजली का खर्चा कम हो जाएगा। प्रशासन भी एलईडी बल्ब लोगों को डिस्ट्रीब्यूट करेगा। इसके लिए फैसला किया गया है कि प्रत्येक घर में दो-दो एलईडी बल्ब 9-9 वॉट के दिए जाएं, जिनका रेट 54 रुपए होगा। 
 
डिमांड के हिसाब से मिलेगी बिजली :
स्मार्ट मीटर लगने के साथ ही अगले साल के लिए जो टैरिफ प्रशासन की तरफ से जेईआरसी को भेजा जाएगा, उसमें दिन के चार हिस्सों में बांटकर फिर डिमांड के हिसाब से रेट फिक्स करने के लिए भी प्रपोजल बनेगा। इसमें दिन के जिन घंटों में ज्यादा बिजली लगती है या डिमांड ज्यादा होती है उनको पीक आवर्स के तौर पर रखा जाएगा और इसमें बिजली का रेट भी ज्यादा रहेगा। इसी तरह से नॉर्मल, एवरेज और लो डिमांड वाला टाइम तय किया जाएगा। यानी जब आपको बिजली की ज्यादा जरूरत होगी तो उस वक्त ज्यादा बिजली यूज करने के लिए ज्यादा खर्चा आपको करना पड़ेगा।
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