इलैक्ट्रिक बसें विभाग के लिए साबित होंगी घाटे का सौदा : दोदवा

Wednesday, Jun 29, 2022 - 07:06 PM (IST)

चंडीगढ़, (गौड़): हरियाणा रोडवेज कर्मचारी एकता यूनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने कहा कि अगर 800 इलैक्ट्रिक बसें विभाग में आती हैं तो यह घाटे का सौदा साबित होगा, क्योंकि विभाग में इनकी चाॄजग की सही व्यवस्था व मैंटीनैंस का कार्य सुचारु रूप से न होने के कारण ये बसें 6 महीने से ज्यादा मार्गों पर नहीं चल पाएंगी। जिसके कारण न तो प्रदेश की जनता को बेहतर परिवहन सुविधा ही मिल पाएगी तथा न ही परिवहन विभाग को कोई फायदा होगा, बल्कि विभाग को भारी आॢथक नुक्सान भी उठाना पड़ेगा क्योंकि एक इलैक्ट्रिक बस की कीमत लगभग 1 करोड़ रुपए है। दोदवा ने बताया कि आज प्रदेश की स्थिति के अनुसार रोडवेज में केवल साधारण बसें ही कामयाब हैं।

 

उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी के राज व परिवहन मंत्री मांगेराम गुप्ता के कार्यकाल में बड़ी कीमत पर लगभग 50 वातानुकूलित बसें खरीदी गई थी जो लगभग 6 माह भी मार्ग पर नहीं चल पाई थी तथा विभाग के लिए भारी घाटे का सौदा साबित हुई थी। ये बसें आज भी सभी डिपुओं में खड़ी धूल फांक रही हैं। 

 


मिनी बसें भी नहीं हुई कामयाब
इससे पहले कई बार मिनी बसें भी विभाग में लाई गई हैं जो आज तक कामयाब नहीं हुई व घाटे का सौदा साबित हुई हैं। दोदवा ने बताया कि ग्रामीण व लोकल रूटों पर प्रदेश की जनता को बेहतर परिवहन सुविधा देने के लिए सरकार द्वारा निजी परमिट देने की नीति लागू की गई थी। इसलिए अगर सरकार की इच्छा ग्रामीण व लोकल मार्गों पर इलैक्ट्रिक बसें चलाने की है तो यह बसें सरकार की बजाय निजी ट्रांसपोर्टर्स द्वारा खरीदी जाएं ताकि विभाग को घाटे से बचाया जा सके। यूनियन ने यह भी मांग की है कि सरकार विभाग द्वारा जारी 4250 बसों का सैंक्शन फ्लीट पूरा करे ताकि प्रदेश की जनता को एक बेहतर परिवहन सुविधा देने के साथ-साथ पहले की भांति पूरे देश में रोडवेज को पहले स्थान पर लाया जा सके।

Ajay Chandigarh

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