‘चंडीगढ़ के बाजारों में साप्ताहिक बंदी औचित्यहीन, 7 दिन खोलना ही ठीक’

punjabkesari.in Thursday, Jun 04, 2020 - 11:23 AM (IST)

चंडीगढ़ (नीरज अधिकारी ): 16 साल बाद शहर के बाजारों में एक बार फिर साप्ताहिक बंदी लागू करने की प्रशासन की कोशिशों का बाजार में विरोध तेज हो जाने के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी अब चंडीगढ़ के बाजारों में साप्ताहिक बंदी को औचित्यहीन करार दिया है।भाजपा और कांग्रेस दोनों का कहना है कि वह प्रशासन के इस प्रयास से बिल्कुल सहमत नहीं हैं और शहर के व्यापारियों के हित में प्रशासन से इस मामले को यहीं खत्म करने की अपील करेंगे। 

 

गौरतलब है कि कोरोना काल में लॉकडाऊन-3 शुरू होने के साथ ही शहर के बाजार खुलने के बाद से चंडीगढ़ प्रशासन ने हर रविवार को मार्कौट्स बंद रखने के लिए दुकानदारों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था लेकिन दुकानदार संडे को दुकानें बंद करने के लिए नहीं माने तो उन्हें संडे के दिन चालान काटने की चेतावनी दी जाने लगी।

 

इस पर व्यापारी नेताओं ने 16 साल पुरानी चंडीगढ़ प्रशासन की वह नोटिफिकेशन अधिकारियों के सामने रख दी, जिसमें चंडीगढ़ के बाजार सप्ताह के सातों दिन खोलने की छूट दी गई है, तब लेबर डिपार्टमैंट के अफसरों का रवैया इस मामले में ढीला पड़ा लेकिन इसके बाद ही चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने ट्वीट करके खुलकर ऐलान कर दिया कि मार्कौट्स एसोसिएशनों की सलाह से चंडीगढ़ के बाजारों के लिए साप्ताहिक बंदी की सूची जल्द घोषित की जाएगी।

 

इसके बाद से मार्कोट्स एसोसिएशनों और शहर के प्रमुख व्यापारी संगठनों ने भी प्रशासन की इस कोशिश का खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है। बुधवार को इस मामले में शहर के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस ने भी अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए व्यापारियों का समर्थन किया।

 

प्रशासन के समक्ष रखेंगे शहर के व्यापारियों का पक्ष : भाजपा
चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा है कि आज के हालात को देखते हुए बाजारों में साप्ताहिक बंदी लागू करने का कोई औचित्य नहीं रह गया है। पिछले कुछ दिनों में प्रशासन की साप्ताहिक बंदी की कोशिशों को लेकर बाजारों में जो स्थिति बनी है, उसकी जानकारी उनके पास भी आई है। सूद ने कहा कि अगर प्रशासन कोरोना के चलते बाजारों में साप्ताहिक बंदी जैसा कदम उठाना चाहता है  तो इसका कोई मतलब नहीं है। 

 

एक दिन बाजार बंद रखने से या कोरोना भाग जाएगा? यदि कोई दुकानदार श्रम कानून का उल्लंघन कर रहा है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए, साप्ताहिक बंदी इसका हल नहीं है। सूद ने कहा कि वह इस मामले में व्यापारियों से खुद भी बात करने जा रहे हैं और उनका पक्ष प्रशासन के समक्ष रखेंगे। साथ ही प्रशासन से अपील करेंगे कि 7-डे ओपन की जो व्यवस्था चली आ रही है, उसे ही लागू रहने दिया जाए। 

 

व्यापारियों को तंग करना भाजपा को भारी पड़ेगा : कांग्रेस
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा है कि लॉकडाऊन खुलने के बाद हर छोटा-बड़ा दुकानदार अपने आर्थिक हालात संभालने की कवायद कर रहा है। व्यापार चौपट हो रखा है। बाजार में पहले से ही ग्राहक नहीं हैं। ऐसे में प्रशासन ने साप्ताहिक बंदी का नया राग छेड़कर दुकानदारों में और डर का माहौल बना दिया है। यह गलत है। 

 

छाबड़ा ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन पूरी तरह भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और शहर के व्यापारी वर्ग को घोर संकट के इस हालात में तंग करना भाजपा को भारी पड़ेगा। छाबड़ा ने प्रशासन से अपील की है कि भीषण मंदी के हालात को देखते हुए बाजारों में पिछले 16 साल से चली आ रही व्यवस्था को न छेड़ा जाए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में प्रशासक और संबंधित अधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं। प्रशासन नहीं माना तो व्यापारियों को साथ लेकर कांग्रेस डटकर विरोध करेगी।


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pooja verma

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