अपने भविष्य को बदलना है तो हमें आज सोचना पड़ेगा : उप राष्ट्रपति

Saturday, Sep 23, 2017 - 09:37 AM (IST)

मोहाली(नियामियां) : यदि हमने अपने भविष्य को बदलना है तो उसके बारे में हमें आज सोचना पड़ेगा तथा उसके अनुसार आज से ही योजना पर काम करना होगा। यह बात आज यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनैस (आई.एस.बी.) के दो दिवसीय आई.एस.बी. लीडरशिप शिखर सम्मेलन (आई.एल.एस.) का उद्घाटन करते हुए भारत के उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कही। नायडू ने कहा कि हमारे सामने जो चुनौतियां हैं, उनका गहन अध्ययन करके हमें जो विरासत में मिला है, उसे याद रखने की आवश्यकता है। इसी तरह हम अपने कल को बदलने की ओर आगे बढ़ सकते हैं। 

 

हिंदी में दिया संबोधन :
एम. वेंकैया नायडू ने अपना संबोधन हिंदी में शुरू किया और फिर उनके शब्दों में ‘उनके दिल से बात की’ उन्होंने कहा कि आई.एस.बी. एक बहुत ही प्रतिष्ठित संस्थान है और मैं यहां आने और छात्रों के साथ बातचीत करने के लिए बहुत खुश हूं। 

 

इस शिखर सम्मेलन का विषय ‘कल का रूपांतरण’ है जो आज की वर्तमान स्थिति के लिए बहुत उपयुक्त है। कल को बदलने के लिए हमें आज कार्य करना चाहिए और इसके लिए हमें अपने प्राचीन अतीत और पूर्वजों से सीखना चाहिए क्योंकि इतिहास निर्णय के लिए एक महान मार्गदर्शक है। 

 

ऐतिहासिक नेताओं, वेदों और स्वामी विवेकानंद जैसे दार्शनिकों के उदाहरणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी विरासत, संस्कृति और परंपराओं पर गर्व होना चाहिए। भारत के भविष्य को सुलझाने के लिए हमें आदर्श लोगों के साथ एक आदर्श देश बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। नायडू ने 5पी पीपल, प्लेनेट, प्रॉसपैरेटी, पीस व पार्टनशिप (लोग, ग्रह, समृद्धि, शांति और साझेदारी) के बारे में भी बात की। 

 

उद्यमशील बनने की जरूरत :
आई.एस.बी. के डीन राजेंद्र श्रीवास्तव ने उपराष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि शिखर सम्मेलन का विषय ट्रांसफॄमग टूमोरो : दा फ्यूचर अनरेवेल्ड है। उन्होंने पैनलों की शानदार लाइन के लिए आई.एल.एस. 2017 की आयोजक टीम की सराहना की। राकेश भारती मित्तल ने छात्रों को अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा।

 

नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि आजादी के बाद से हमारे पास देश की अगुवाई करने के लिए तीन पीढिय़ों की कोशिश की गई है लेकिन अब मेल्ट बीत चुका है, बैटन आपके हाथों में है। आपकी पीढ़ी अलग है हमें उद्यमशीलता और दुनिया के नवाचार इंजन बनने की जरूरत है। इसके लिए आई.एस.बी. नेतृत्व शिखर सम्मेलन की तरह मंचों की आवश्यकता है। इस दौरान पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा भी मौजूद रहे।

 

सम्मेलन में कई हस्तियों ने की शिरकत :
आई.एस.बी. लीडरशिप शिखर सम्मेलन में किरण बेदी, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, संजीव सान्याल, सरकार के प्रधान आॢथक सलाहकार अरुणा राव, दीपक गर्ग और अन्य कई जानी-मानी हस्तियों शिरकत कर रही हैं। 


 

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