लता मंगेशकर के निधन पर कटारिया ने जताया शोक

punjabkesari.in Sunday, Feb 06, 2022 - 02:17 PM (IST)

चंडीगढ़,(अर्चना सेठी)। पूर्व केंद्रीय जल शक्ति व सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री व सांसद रतनलाल कटारिया ने स्वर कोकिला, भारत रत्न लता मंगेशकर दीदी जी के निधन पर अत्यंत दुख प्रकट करते हुए बताया की लता मंगेशकर जी का जन्म 28 सितम्बर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ। उनके पिता जी  दीनानाथ मंगेशकर एक कुशल रंगमंचीय गायक थे। दीनानाथ जी ने लता जी को संगीत सिखाना शुरू किया, जब वे 5 साल की थीं। उनके साथ उनकी बहने आशा, ऊषा और मीना भी संगीत सीखा करती थीं।

 


रतनलाल कटारिया ने कहा कि लता मंगेशकर जी हमेशा से ही ईश्वर के द्वारा दी गई सुरीली आवाज, जानदार अभिव्यक्ति और बात को बहुत जल्द समझ आने वाली थी। इन्हीं विशेषताओं के कारण उनको पहली बार एक नाटक में अभिनय करने का अवसर मिला था। शुरूआत अवश्य अभिनय से हुई किंतु आपकी दिलचस्पी संगीत में ही थी। 

 


वर्ष 1942 में उनके पिता की मृत्यु हो गई तब लता जी केवल 13 वर्ष की थीं नवयुग चित्रपट फिल्म कंपनी के मालिक उनके पिता के दोस्त मास्टर विनायक ने इनके परिवार को संभाला और लता मंगेशकर को एक सिंगर और अभिनेत्री बनाने में मदद की। रतन लाल कटारिया ने बताया कि लता मंगेशकर को 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 

 


 लता जी को मिले पुरस्कार 1969 पदम भूषण 1989 दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, 1996 राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार, 1999 में पद्म विभूषण, 2001 में भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे लता दीदी से हमेशा बहुत स्नेह मिला  है। रतनलाल कटारिया ने कहा कि भारतीय सैनिकों के सम्मान में गाया गया गीत  ‘ए मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी जो शहीद हुए हैं उनकी याद करो कुर्बानी’ सदियों तक लता जी की याद दिलाता रहेगा। 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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