शहर की बिल्डिंगों में वायलेशन बनी खतरा

punjabkesari.in Monday, Jul 15, 2019 - 12:35 PM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र शर्मा) : सूरत में हुई घटना के बाद भी चंडीगढ़ प्रशासन कोई सबक नहीं ले रहा है। शहर की बिल्डिंगों में वायलेशन बढ़ता जा रहा है। कर्मिशयल बिल्डिंगों में वायलेशन अधिक है। लोगों ने ऐसे बदलाव किए हुए हैं, जो किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। लेकिन बावजूद इसके प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है और आंखें मूंदे बैठा है। यहां तक कि इन बिल्डिंगों में फायर नियमों की भी अनदेखी की जा रही है। 

 शहर की सभी मार्कीट में ही शोरूमों का ये हाल है। प्रशासन ने चुनाव से पहले प्रशासक के आदेशों पर एक कमेटी भी गठित की थी, जिसने बिल्डिंग वायलेशन को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी। इसी रिपोर्ट पर एस्टेट ऑफिस और निगम ने कार्रवाई करनी थी, लेकिन अभी तक इस पर कुछ भी नहीं हुआ है। यही कारण है कि आगे भी बिल्डिंग में वायलेशन बढ़ती जा रही है।  सैक्टर-17, 20, 22, 37, 38 मार्कीट और सैक्टर-26 सब्जी मंडी की मार्कीट में भी वायलेशन की कमी नहीं है। 

सैक्टर-37 के शोरूमों में नियमों के तहत पार्टीशन नहीं
सैक्टर-37 में मार्कीट में पंजाब केसरी ने जाकर चैकिंग की तो उसमें कई चौंका देने वाली बातें सामने आई। यहां कई शोरूम ऐसे हैं, जिन्हें बीच की दीवार हटाकर आपस में जोड़ दिया गया है। इसके साथ जोड़े गए शोरुम के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट बंद हो गए हैं। इसी तरह शोरूमों के बैकसाइड एरिया को भी कवर किया हुआ है जो फायर नियमों के तहत सही नहीं है। इसी तरह शोरूम के अंदर भी नियमों के तहत पार्टीशन नहीं किया गया है।

 सभी बिल्डिंगों में फायर निमयों की भी अनदेखी की जा रही है। पिछले कुछ समय में फायर डिपार्टमेंट 500 से 600 के करीब कर्मिशयल यूनिट्स को नोटिस जारी कर चुका है, लेकिन बावजूद इसके कोई सुधार नहीं हो रहा है। इसका प्रमुख कारण यही है कि डिपार्टमैंट इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। 

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प्रशासन की सख्ती के बाद 300 को नोटिस जारी
प्रशासन ने अनदेखी के बाद 300 शोरुमों को नोटिस जारी किया है। प्रशासन ने उन्हें निर्देश दिए है कि वह अपने शोरूमों से वायलेशन हटा ले। साथ ही इसकी लिस्ट भी  एरिया वाइज एस.डी.एम. को भेज दी गई है, ताकि आगे वह इस पर कार्रवाई कर सकें।

एरिया ऑफिसर भाग रहे जिम्मेदारी से 
अधिकारियों के नाक नीचे ये वायलेशन हो रही है, लेकिन बावजूद इसके एरिया एस.डी.ओ. अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। प्रशासन ने पहले साफ कर दिया था कि जिस  भी अधिकारी के एरिया में वायलेशन पाई गई, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन बावजूद इसके अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। 

रिपोर्ट में ये आया था सामने 
एस्टेट ऑफिस ने कर्मिशयल एरिया में बिल्डिंग वायलेशन को लेकर जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें कई तरह की वायलेशन सामने आई थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि कई एस.सी.ओ. में इंटरनल वॉल को रिमूव किया गया है, जो बिल्डिंग के लिए खतरा है। बेसमैंट को स्टोरेज की जगह अन्य पर्पज के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। शॉप और बूथों में ऊपरी मंजिलों पर कंस्ट्रक्शन की गई है।

इसके अलावा पीछे के एरिया को भी शोरूमों में कवर किया गया है, जो बिल्डिंग वायलेशन के साथ ही फायर नियमों के भी खिलाफ है। साथ ही रास्तों और सीढिय़ों में भी अतिक्रमण है। अगर कोई हादसा हो जाता है, तो शोरुम से बाहर निकलना तक लोगों के लिए मुश्किल हो  जाएगा। रिपोर्ट में साफ किया गया है कि अधिकतर शोरुमों में निर्माण सबमिट मैप के मुताबिक नहीं है, जिससे साफ है कि ये खतरनाक है।

वायलेशन पर नजर रखने का लिया था फैसला 
सैक्टर-17 में नाईलिट बिल्डिंग में आग लगने के बाद बिल्डिंग ध्वस्त हो गई थी, जिसमें दो फायर कर्मियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस हादसे के बाद  सबसे बड़े कमर्शियल सैंटर सैक्टर-17 में सभी इमारतों का हर 5 साल में स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाने का फैसला लिया गया था। इसके अलावा वॉयलेशन पर भी सेल्फ  सर्टिफाइड रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही हर इमारत की रेगुलर चैकिंग करने के लिए भी बोला गया था। यह सिफारिश सेक्टर-17 के कमर्शियल इलाके में  हुए हादसे के बाद गठित जांच कमेटी ने की थी, लेकिन हालत ये है कि अभी वायलेशन पर प्रशासन कुछ भी नहीं कर रहा है।

फायर नियम ताक पर 
-छत पर वाटर स्टोरेज टैंक नहीं है।  
-उपकरण नहीं है। 
-एग्जिट साइन अधिकतर बिल्डिंग्स में नहीं है। 
-मैन्युअली ऑपरेटेड फायर अलॉर्म सिस्टम भी नहीं है। 
-ऑटोमेटिक डिटेंशन एंड अलार्म सिस्टम भी ज्यादातर बिल्डिंगों में नहीं है। हाऊस रील कई बिल्डिंगों में नहीं है। जहां है वहां ये काम नहीं करती। टू वे फायर सेफ्टी कनैक्शन बिल्डिंगों में नहीं है। 


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bhavita joshi

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