जी.एम.एस.एच. में बना कोविड हैल्थ कंट्रोल रूम, 24 घंटे करेगा काम

punjabkesari.in Sunday, Jan 16, 2022 - 12:13 PM (IST)

चंडीगढ़, (पाल) : कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए यू.टी. प्रशासन और हैल्थ डिपार्टमैंट ने एक रिव्यू मीटिंग की। जी.एम.सी.एच. की डायरैक्टर, पी.जी.आई. भी इसमें शामिल रहा। मीटिंग में कोविड से जुड़े कई अहम मुद्दों को लेकर चर्चा की गई। मीटिंग के बाद तय किया गया कि जी.एम.एस.एच. में कोविड मरीजों की सुविधा के लिए कोविड हैल्थ कंट्रोल रूम बना दिया गया है, जोकि 24 घंटे काम करेगा। कंट्रोल रूम में डॉक्टर्स, इंटर्नस और दूसरा स्पोर्ट स्टाफ मौजूदा रहेगा। अभी तक सिंगल हैल्पलाइन नंबर 1075 ही मरीजों की सुविधा के लिए थे, लेकिन बी.एस.एन.एल. के सहयोग से नंबर ऑफ लाइन्स को 5 कर दिया गया है। किसी को भी अगर कोविड से जुड़ी कोई भी जानकारी जैसे वैक्सीनेशन, मैडीकल ऑक्सीजन, होम आइसोलेशन की जरूरत है तो वह इस नंबर पर कॉल कर सकता है। डिपार्टमैंट का कहना है कि कोविड से जुड़ी जानकारी ही यहां लोगों को दी जाएगी, अगर उन्हें किसी और तरह की जानकारी चाहिए तो उससे रिलेटेड नंबर पर संपर्क करने को कह दिया जाएगा। जी.एम.एस.एच. के डिप्टी मैडिकल सुपरिंटैंडैंट डॉ. परमजीत को कोविड हैल्थ कंट्रोल रूम का इंचार्ज बनाया गया है, जिनकी देखरेख में यह काम करेगा। 

 

 

मरीजों में भरोसा पैदा करने के लिए होगी कॉल 
हैल्थ सैक्रेटरी के मुताबिक 98 प्रतिशत मरीज अभी होम आइसोलेशन में हैं, ऐसे में इन मरीजों पर फोकस बढ़ाने की जरूरत है, ताकि हॉस्पिटल पर किसी तरह का दबाव न पड़े। सिर्फ उन मरीजों को ही हॉस्पिटल में एडमिट किया जाए जो वाकई गंभीर हैं। रैपिड रिस्पॉन्स टीम को जैसे ही इंटरग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आई.डी.एस.पी.) से मरीजों की डिटेल्स आएगी, उसी वक्त टीम की ओर से होम आइसोलेटेड मरीजों को कॉल की जाएगी। 10 प्रतिशत कॉल वीडियो भी होगी, ताकि मरीजों में भरोसा पैदा हो सके। टीम को इसके लिए लैपटॉप डेस्कटॉप दिए जाएंगे। मरीज किसी भी तरह की जरूरत होने पर इन्हें कॉल कर सकेंगे। वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की वेस्टेज को लेकर टीम ने विजिट करना शुरू कर दिया है, हालांकि ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन वेस्टेज नहीं होनी चाहिए। 

 

 

आइसोलेशन के लिए हॉस्पिटल में एडमिट नहीं किया जाएगा 
मीटिंग में तय किया गया है कि कोविड पॉजिटिव मरीज को सिर्फ हॉस्पिटल में आइसोलेशन के लिए एडमिट नहीं किया जाएगा। मरीज का हॉस्पिटल एडमिशन मैडिकल कंडीशन पर तय होगा। डॉक्टर मरीज को देखेगा कि उन्हें जरूरत है या नहीं। एसिम्टोमेटिक मरीजों को पहली प्राथमिकता होम आइसोलेशन की होगी। अगर मरीज के पास यह सुविधा नहीं है तो उसे मिनी कोविड केयर सैंटर में रखा जाएगा। कोविड वैक्सीनेशन को लेकर तय किया गया है जिन स्कूलों में वैक्सीन का ग्राफ कम होगा, वहां के स्टाफ को दूसरे वैक्सीनेशन कैम्प में इस्तेमाल किया जाएगा। पी.जी.आई. कोविड से संबंधित सारा डाटा एक्सेल फॉर्म  और पी.डी.एफ. बनाकर देगा। जिससे डाटा एंट्री ऑपरेटर का वक्त बचेगा। प्रशासन सभी तरह का डाटा पी.जी.आई. समेत मैंटेन कर रहा है।

 


सीनियर ऑफिसर्स को नोडल ऑफिसर्स नियुक्त करने को कहा 
डायरैक्टर पी.जी.आई. को कुछ सीनियर ऑफिसर्स को नोडल ऑफिसर्स नियुक्त करने के लिए कहा गया है, जो हैल्थ डिपार्टमैंट से कॉर्डिनेट कर सकें। सारी एम्बुलैंस वर्किंग कंडीशन में हैं अगर और एम्बुलैंस की जरूरत हुई तो रेडक्रॉस को और एम्बुलैंस देने के लिए कहा जाएगा। मैन पवार को बढ़ाने के लिए तय किया गया है कि दूसरे डिपार्टमैंट के जिन्हें वर्क फ्रॉम होम दिया गया है, उन्हें जी.एम.एस.एच. और जी.एम.सी.एच. में लगाया जाए, ताकि कंट्रोल रूम को 24 घंटे चलाने में मदद मिल सके।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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