वर्णिका केस : लड़कियों की आजादी पर सवाल उठाने वालों के खिलाफ युवाओं ने रखे अपने विचार

Monday, Aug 14, 2017 - 12:17 PM (IST)

चंडीगढ़(नेहा) : वर्णिका केस के तूल पकडऩे के बाद इस मामले में कई नेता व अन्य लड़कियों की आजादी को लेकर ही सवाल उठा रहे हैं। इन बयानों को लेकर कई युवाओं में काफी रोष देखने को मिल रहा है। कई युवाओं ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी व ऐसे बयानों पर कड़ी निंदा भी जताई। 

 

पूरे देश में महिलाओं के हक में आवाज होती है बुलंद : एमी सिंह 
लड़कियों की आजादी पर अक्सर बेतुके सवाल नेताओं द्वारा उठाए जाते रहे हैं। उसके बाद दूसरी पार्टी के नेता मोमबत्तियां लेकर सड़क पर पहुंच जाते हैं। इस ट्रेंड को बदला है चंडीगढ़ की लड़कियों ने मिड नाईट आऊट बेखौफ आजादी मार्च के साथ। मार्च का आईडिया शायरा एमी सिंह का था और उनके मुताबिक जब भी ऐसा कोई वाक्या होता है तो पूरे देश में महिलाओं के हक में आवाज बुलंद होती है। 

 

वहीं जब कोई भी लड़की ऐसे बिगड़े अमीरजादों के खिलाफ आवाज उठाती है तो उसे चरित्रहीन साबित करने की कोशिशें शुरू हो जाती हैं। लेकिन अब लड़कियां ऐसी बातों और घटनाओं से त्रस्त हो चुकी हैं। अब वे हर हाल में अपनी बात सामने रखती हैं। 

 

सुना था चंडीगढ़ सेफ है पर अभी तक महसूस नहीं हुआ :
रात 1 बजे तक मिडनाइट मसाला नामक शो चलाने वाली आर.जे. दीक्षा ने कहा कि उन्हें चंडीगढ़ आए हुए अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ है इससे पहले वह दिल्ली में थीं। जब चंडीगढ़ मिड नाइट शो मिला तो वह डर गई थी, लेकिन सबने कहा कि चंडीगढ़ काफी सेफ सिटी है। बदकिस्मती से आज तक मुझे एक भी दिन ऐसा महसूस नहीं हुआ। 

 

शरीफजादा सड़क पर क्या कर रहा था :
ऋतु जसवाल ने कहा कि लड़के ने लड़की का पीछा किया यह सुनकर मुझे गुस्सा आया था लेकिन जब पता चला कि हमारे महान नेताओं ने पूछा है कि लड़की रात 12 बजे सड़क पर क्या कर रही थी तो दिमाग खराब हो गया। कोई उस शरीफजादे से क्यों नहीं पूछता कि वह रात 12 बजे सड़क पर क्या कर रहा था। 

 

शॉर्ट्स नहीं पहनी पर फिर भी घूरते हैं :
कमलप्रीत कौर ने कहा कि मैंने 11वीं क्लास के बाद कभी जीन्स टॉप नहीं पहना, शॉर्ट्स तो दूर की बात है। खुद को इतना संभालने के बाद भी लड़के घूरते हैं जो हमें अच्छा नहीं लगता। यह एक लड़की के लिए बड़ी परेशानी की बात है। लड़कियों की आजादी पर सवाल उठाने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे। लोगों की सोच बदलेगी तभी देश में नई क्रांति जन्म लेगी। 

 

लिखकर दें कि सूट पहनने के बाद कभी कोई घटना नहीं होगी :
दीपिका बटनौत्रा ने कहा कि जिन्हें लगता है कि गलती लड़कियों के कपड़ों की है वो नेता लिखकर दें कि सूट पहनने के बाद कभी कोई घटना नहीं होगी। हुई तो उन्हें फांसी होगी। इतना करने से आधी दिक्कत खत्म हो जाए ये कहना था सैक्टर-46 की निवासी दिव्या का। 

 

तो क्या नाइट ड्यूटी करने वाली सभी लड़कियां चरित्रहीन? 
पल्लव शुक्ला ने कहा कि आप किसी लड़की को सिर्फ इसलिए चरित्रहीन मानते हैं कि वह रात 9 बजे के बाद घर से बाहर थी तो इस लिहाज से तो नाइट ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी, डॉक्टर्स, मॉडल्स, डी.जे., बाऊंसर या दूसरे प्रोफैशन से जुड़ी महिलाएं चरित्रहीन हुईं। लड़कियों के प्रति ऐसी सोच रखने वाले लोग दकियानूसी विचारधारा के होते हैं। 

 

चरित्र का पाठ पढ़ाने वाले अपने बेटों को तमीज सिखाना भूल जाते हैं :
आशुतोष ने कहा कि बचपन से देखा है लड़कियों को मर्यादा का पाठ पढ़ाया जाता है। काश उस पाठ का एक प्रतिशत भी लड़कों को तमीज सिखाई जाए। अगर ऐसा होता तो शायद आज ऐसे बयां नही सुनने पड़ते। 

 

उसूल नहीं, डर का होना भी जरूरी :
शेर सिंह ने कहा कि सभी कहते हैं कि लड़कों को तमीज घर में सीखनी चाहिए, हमे अपनी सोच बदलनी चाहिए। इसके अलावा बेटियों को लेकर सोच नहीं बदल पाई तो महिलाओं को इज्जत कैसे मिलने लगेगी। सबसे ज्यादा जरूरी है हर इंसान के मन में कानून के प्रति सम्मान और डर होना। 
 

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