सरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद के चेयरमैन अपने स्तर पर दे सकेंगे विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति

punjabkesari.in Tuesday, Jan 10, 2023 - 07:26 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक स्वायत्तता प्रदान की है। पूर्व की भांति पंचायती राज संस्थाओं के अपने फंड और ग्रांट-इन-ऐड में से छोटे या बड़े, जिस भी राशि के काम होंगे, उनकी प्रशासनिक स्वीकृति ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर ही होगी। 2 लाख रुपए के काम हों या 2.50 करोड़ रुपए के काम हों, उनकी प्रशासनिक स्वीकृति सरपंच तथा पंचायत समिति और जिला परिषद के चेयरमैन द्वारा उनके अपने स्तर पर ही दी जाएगी। पहले प्रशासनिक स्वीकृति के लिए फाइलें राज्य सरकार के पास आती थी। इस कदम से पंचायती राज संस्थालओं को बड़ी राहत मिली है और अब गांवों में विकास कार्य तेज गति से हो सकेंगे। 

 

 


एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं के अपने फंड और ग्रांट-इन-ऐड में से होने वाले छोटे या बड़े सभी प्रकार के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद द्वारा ही दी जाएगी। हालांकि, ऐसे विकास कार्यों की तकनीकी स्वीकृति के लिए सरकार ने विभिन्न स्लैब निर्धारित की है, जिसके तहत 2 लाख रुपए तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति जूनियर इंजीनियर देगा। 2 लाख से 25 लाख रुपए तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एस.डी.ओ. देगा। 25 लाख से 1 करोड़ रुपए तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एक्स.ई.एन. देगा। एक करोड़ से 2.5 करोड़ रुपए तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति अधीक्षण अभियंता तथा 2.5 करोड़ रुपए से अधिक के कार्य की तकनीकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा।
 

 

 

राज्य सरकार के फंड से किए जाने वाले कार्य के मामले में सभी स्वीकृतियां विभागीय स्तर पर मिलेंगी
विकास कार्यों के लिए यदि पंचायती राज संस्थालओं के पास राशि कम पड़ती है और उनकी मांग पर राज्य सरकार अतिरिक्त फंड प्रदान करती है, तो उस स्थिति में 25 लाख रुपए तक के कार्यों के लिए यह राशि यानी 25 लाख रुपए सीधे पी.आर.आई. को दी जाएगी। 25 लाख रुपए से ज्यादा के काम ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किए जाएंगे। इसके लिए, 25 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक की प्रशासनिक स्वीकृति विभाग के निदेशक द्वारा दी जाएगी और इस कार्य की तकनीकी स्वीकृति एक्स.ई.एन. देगा। एक करोड़ से 2.5 करोड़ रुपए तक के कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति प्रशासनिक सचिव तथा तकनीकी स्वीकृति अधीक्षक अभियंता देगा। 2.5 से 10 करोड़ रुपए तक के कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति विकास एवं पंचायत मंत्री द्वारा दी जाएगी और तकनीकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा। 10 करोड़ रुपए से अधिक के कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति मुख्यमंत्री स्तर पर होगी तथा तकनीकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर द्वारा दी जाएगी।
 

 

 

पी.आर.आई. के फंड से मुरम्मत कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति भी ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर मिलेगी 
नए कार्यों के अलावा पंचायती राज संस्थाओं के अपने फंड और ग्रांट-इन-ऐड में से होने वाले मुरम्मत और रखरखाव के छोटे या बड़े सभी कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर ही मिलेगी। हालांकि, 20 हजार रुपए तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति जूनियर इंजीनियर देगा। 20 हजार से 2.50 लाख रुपए तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एस.डी.ओ. देगा। 2.50 लाख से 10 लाख रुपए तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एक्स.ई.एन. देगा। 10 लाख से 25 लाख रुपए तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति अधीक्षण अभियंता तथा 25 लाख रुपए से अधिक के कार्य की तकनीकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा। गांवों में विकास कार्यों के लिए यदि धन की आवश्यकता होती है तो उनके फिक्स डिपोजिट में से एक साल में 50 लाख रुपए तक या कुल डिपोजिट की 10 प्रतिशत राशि, जो भी अधिक हो, जिला उपायुक्त रिलीज कर सकता है। इससे अधिक राशि रिलीज करने के लिए राज्य सरकार निर्णय लेगी।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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