म्यूचुअल फंड के साथ वित्तीय सशक्तिकरण की अनूठी संभावना

punjabkesari.in Friday, Mar 08, 2024 - 04:26 PM (IST)

चंडीगढ़ :  पिछले कुछ वर्षों में, महिलाएं सक्रिय और विचारशील निवेशकों के रूप में उभरी हैं, जिन्होंने म्यूचुअल फंड उद्योग की गतिशीलता को नया आकार दिया है। यह बदलाव सिर्फ रुझान नहीं है बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक विकास है। वित्त वर्ष 2022-2023 के एएमएफआई आंकड़े से पता चलता है कि पिछले तीन साल में म्यूचुअल फंड क्षेत्र में 27.50 लाख महिला निवेशकों की अभूतपूर्व आमद हुई है।

 

फाइनेंस में महिलाओं की यह तेजी से बढ़ती भागीदारी उनके बढ़ते आर्थिक कद का प्रतीक है। यह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उनके वित्तीय सशक्तिकरण और स्वतंत्रता के महत्व को भी रेखांकित करता है।-राघव अय्यंगार, सीबीओ, एक्सिस एएमसी, ने यहाँ जानकारी देते हुए कहा कि महिलाएं आज न केवल घरेलू बजट का प्रबंधन कर रही हैं, बल्कि सक्रिय रूप से अपने वित्तीय भविष्य को भी आकार दे रही हैं। इस उभरते परिदृश्य में, म्यूचुअल फंड एक मज़बूत ज़रिये के रूप में सामने आया है, जो विकास और स्थिरता दोनों चाहने वाली समझदार महिला निवेशकों के लिए तैयार किया गया है।

 

भारत में तेज़ी से विकसित हो रहा म्यूचुअल फंड परिदृश्य पूंजी वृद्धि और दीर्घकालिक स्तर पर उचित रिटर्न हासिल करने के महिलाओं के लिए कई साधनों के ज़रिये धन सृजन के अवसर प्रदान करता है। वे अपनी आवश्यकताओं, अंतिम उद्देश्यों, जोखिम सहन करने की क्षमता, निवेश कॉर्पस आदि के आधार पर निवेश कर सकती हैं और ज़रूरत बदलने पर अपनी योजनाओं में बदलाव भी कर सकती हैं।वित्तीय सशक्तिकरण के लिए एसआईपी करें:महिलाओं के लिए, वित्तीय सशक्तिकरण का मतलब सिर्फ धन सृजन नहीं है; यह वित्तीय सुरक्षा और स्वतंत्रता प्राप्त करने से जुड़ा है।

 

 

महिलाएं बाधाओं को पार कर रही हैं और अपने वित्तीय भविष्य को अपने हाथ में ले रही हैं, ऐसे में  म्यूचुअल फंड धन सृजन के लिए रणनीतिक अवसर बन सकता है। चाहे आप युवा पेशेवर हों या सेवानिवृत्ति की योजना बना रहे हों, आपको इन फंडों को अपनी निवेश यात्रा का हिस्सा मानना चाहिए। याद रखें, वित्तीय स्वतंत्रता सिर्फ एक लक्ष्य नहीं है; यह सशक्तिकरण का एक मज़बूत ज़रिया है!इस लिहाज़ से एसआईपी (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) निवेशकों के लिए एक दिलचस्प तत्व साबित हो सकता है।

 

 

अपनी पसंद की योजना में पूर्व-निर्धारित राशि का आवधिक भुगतान किया जा सकता है। इससे अनुशासन की भावना विकसित करने में मदद मिलेगी और लोग कंपाउंडिंग की शक्ति से भी लाभान्वित हो सकते हैं। इसके अलावा, प्रति माह 100 रुपये या 500 रुपये जितनी छोटी राशि के साथ निवेश किया जा सकता है, जो इसे सभी निवेश कोषों के लिए उपयुक्त बनाता है। निवेशक स्टेप-अप एसआईपी पर भी विचार कर सकते हैं, जो महिलाओं को उनकी वित्तीय क्षमताओं के अनुसार अपने निवेश को अनुकूल बनाने में मदद करता है, ताकि वे मुनाफे की संभावना के साथ तालमेल बनाए रखें।


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Content Editor

Varsha Yadav

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