फंड, नगर निगम की परमिशन और सर्वे के बाद भी लटका अंडरपास का काम

punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2017 - 12:51 PM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : 3 साल पहले मनीमाजरा व सैक्टर-19 के लोगों को ट्रैफिक से निजात दिलाने के उद्देश्य से बनने वाले अंडर पास व ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य रेलवे व नगर निगम की लापरवाही के कारण शुरू नहीं हो पाया। रेलवे लाइन क्रॉस करने के कारण कई बार हादसे भी हो चुके हैं फिर भी इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। 

 

सूत्रों के मुताबिक मनीमाजरा में करीब 13 करोड़ रुपए का बजट तैयार कर अंडर पास के लिए पास किया था और नगर निगम के अधिकारियों व रेलवे इंजीनियर्स ने मौके का निरीक्षण भी किया। हालांकि निरीक्षण के 5 माह बीतने के बाद भी अभी तक निर्माण कार्य शुरू नही हो सका। जबकि सैक्टर-19 रेलवे फाटक नंबर 122 पर भी रोड ओवर ब्रीज बनाने की योजना बनाई जा चुकी थी, लेकिन इसके निमार्ण में 50 प्रतिशत रेलवे व 50 प्रतिशत राज्य सरकार का लगना था पर प्रोजैक्ट भी सिरे नहीं चढ़ सका। 

 

पहले पाइपलाइन थी रोड़ा :
अक्तूबर में मनीमाजरा में  5 मीटर का अंडर पास बनाने को लेकर नगर निगम के अधिकारियों व प्रशासन के चीफ इंजीनियर व रेलवे इंजीनियर ने दौरा किया था। इस दौरान पाया गया कि अगर रेलवे फाटक पर 5 मीटर का अंडर पास बनाया जाएगा तो मनीमाजरा में वाटर सप्लाई की दिक्कत होगी, क्योंकि विभाग की ओर से जिस जगह पर अंडर पास बनाना है उसके कुछ हिस्से में वाटर सप्लाई की पाइप लाइन आ रही थी। इसके बाद दोनों विभागों ने फैसला किया कि अब 5 मीटर की जगह अंडर पास को 3 मीटर का ही बनाया जाएगा जिससे पाइपें बीच में नहीं आएंगी। इस पर दोनों विभाग सहमत हो गए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे की ओर से अंडर पास की ड्राईग भी नगर निगम को सौंप दी है पर अभी तक विभाग ने कोई उचित कदम नहीं उठाया। 

 

3 लाख से अधिक लोगों का है आना-जाना :
जिन दोनों फाटकों पर अंडर पास बनने हैं उस रास्ते का प्रयोग एक दिन में करीब 3 लाख से अधिक लोग करते है। इस कारण मनीमाजरा रेलवे फाटक के रास्ते से करीब 150 लाख से अधिक लोगों का शहर आना-जाना होता हैं। ऐसे में ट्रेने क्रॉसिंग के समय लोगों को रेलवे फाटक पर कई घंटे लग जाते हैं। ऐसे में कई बार तो जल्दबाजी के कारण ट्रेन आने से ठीक पहले तक आना-जाना बंद नहीं करते हैं। 


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