''उड़ता पंजाब'': दर्शक बोले फिल्म में दिखाई गई सच्चाई, जिसे अक्सर छुपाया जाता है

punjabkesari.in Saturday, Jun 18, 2016 - 11:13 AM (IST)

चंडीगढ़, (एकता श्रेष्ठ): हमारे देश में एडल्ट विषयों पर बनी फूहड़ फिल्में भले ही सैंसर बोर्ड आसानी से पास कर देता है मगर नशे जैसे गंभीर मसले को लेकर बनी फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ की रिलीज से पहले जो रवैया सैंसर बोर्ड और कुछ सामाजिक तत्वों ने अपनाया वैसा फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद पंजाब समेत देश भर में शुक्रवार को रिलीज हुई इस फिल्म को लोगों ने काफी सराहा। फिल्म में शाहिद कपूर, करीना कपूर, अलिया भट्ट के अलावा पंजाबी सिंगर व एक्टर दिलजीत दोसांझ मुख्य भूमिका में नजर आए । फिल्म में पंजाब में बढ़ती जा रही नशे की समस्या को पेश किया है कि कैसे नौजवान इस नशे के चंगुल में फंसते जा रहे हैं जो उनके साथ उनके परिवार को भी बर्बाद कर रहा है। रिलीज के पहले दिन शहर के मल्टीप्लैक्स से शो देख कर आए लोगों ने कहा कि डायरैक्टर अनुराग कश्यप ने फिल्म में नशे का मुद्दा उठाया है और इसे बखूबी पेश भी किया है। कुछ दर्शको के अनुसार फिल्म में सच्चाई दिखाई गई है जिससे अक्सर छुपाया जाता है और जाहिर नहीं किया जाता।लेकिन हालात यही है की कई युवा नशे के आदि हो चुके हैं। पेश है फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर लोगों से मिली प्रतिक्रयाएं:-

 
राज्य की छवि पहले बनती है और बाद में फिल्म :
फिल्म देखने पहुंचे एक दर्शक  ने बताया कि मुझे नहीं लगता की फिल्म देखने से पंजाब की छवि को न कोई नुक्सान पहुंचेगा और न ही आम जनता को। बल्कि फिल्म से तो सब को काफी अच्छा संदेश मिलेगा। वैसे भी मेरा मानना है की किसी भी राज्य की छवि पहले खराब होती है और फिल्म बाद में बनती है। फिल्म में पंजाब के सही हालात बताए गए हैं।
 
पता नहीं फिल्म को लेकर बाधाएं क्यूं आईं :
‘फिल्म सच में बहुत अच्छी है। डायरैक्टर ने कहानी को जिस तरह से फिल्माया है वह तो बहुत खूबसूरत है। मुझे तो इस बात का नहीं पता चल रहा की फिल्म को लेकर इतना इश्यू बना क्यूं? एक बार ऐसा लगा कि फिल्म प्रदर्शित ही नहीं होगी। मेरे हिसाब से फिल्म में किसी प्रकार की रोक नहीं लगनी चाहिए। फिल्म में राजनेताओ के बारे में भी दिखाया गया है शायद इसी वजह से ही फिल्म में रिलीज होने तक बाधाएं आई।’
 
विवाद की कोई जरूरत नहीं थी :
सलोनी के मुताबिक फिल्म बहुत अच्छी है। इसे लेकर जिस तरह का विवाद हुआ है उसकी तो जरूरत ही नहीं है। मैं पंजाब के  कालेज में पढ़ती हूं और मैंने देखा है कि बच्चे नशा करते है। मुझे नहीं लगता कि फिल्म से पंजाब की छवि खराब हो रही है या वहां के युवाओं को बदनाम किया जा रहा है। फिल्म में सच्चाई दिखाई गई है और सच को हर कीमत पर दिखाना चाहिए।

पंजाब की छवि को बिगाड़ा नहीं गया है :
प्रीति का कहना है कि फिल्म में पंजाब की छवि को बिगाड़ा नहीं गया है। जो दिखाया बिल्कुल सही दिखाया। मेरा गांव पंजाब में है और पंजाब के नामी शहरो में ऐसा होता है। मेरे हिसाब से तो निमार्ता ने फिल्म बनाकर काफी अच्छा किया है। क्योंकि आम जनता को भी सच के बारे में पता होना चाहिए। फिल्म में संदेश भी दिया गया है कि नशा कैसे न जाने कितने लोगों की जिंदगियां बर्बाद कर चुका है। इसलिए नशे से दूर ही रहना चाहिए।

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