विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर वित्तीय पावर देने की मांग की

punjabkesari.in Tuesday, Feb 07, 2023 - 08:18 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर वित्तीय पावर देने की मांग की है। इस मांग को लेकर ज्ञानचंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री को एक लिखित प्रस्ताव दिया। गुप्ता ने मुख्यमंत्री से कहा कि हरियाणा विधानसभा सरकार का वाॢषक बजट पास करती है, लेकिन उसके पास खुद का बजट मंजूर करने की पावर नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि इस मांग को पूरा कराने के लिए वह 3 साल से प्रयासरत थे। इस बार मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। अभी तक विधानसभा के तमाम वित्तीय प्रस्ताव हरियाणा सरकार के पास भेजे जाते हैं। वित्त विभाग के पास यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए लंबे समय तक लटके रहते हैं। इस स्थिति से निजात पाने के लिए हरियाणा विधानसभा ने वित्तीय स्वायत्तता की मांग उठाई है। 
 

 

 

विधानसभा की ओर से भेजे जाने वाले वित्तीय प्रस्ताव कई बार मंजूरी के लिए वित्त विभाग में लंबे समय तक अटके रहते हैं
हरियाणा विधानसभा ने पंजाब, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और हिमाचल की तर्ज पर अपने विवेक के अनुसार धनराशि को व्यय करने की पावर सरकार से मांगी है। स्पीकर ने दूसरे चार राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां राज्य सरकार द्वारा आबंटित बजट को मंजूर करने व उसे अपनी सुविधा अनुसार खर्च करने की पावर विधानसभा के पास है इसलिए यह व्यवस्था हरियाणा में भी की जानी चाहिए। गुप्ता ने स्वीकार किया कि विधानसभा की ओर से भेजे जाने वाले वित्तीय प्रस्ताव कई बार मंजूरी के लिए वित्त विभाग में लंबे समय तक अटके रहते हैं। विधानसभा का इस साल का वाॢषक बजट करीब 94 करोड़ रुपए था। प्रदेश सरकार इस बजट राशि में अपनी सुविधा अनुसार बढ़ोतरी कर सकती है लेकिन इस बजट को मंजूर करने के साथ ही खर्च करने की वित्तीय स्वायत्तता विधानसभा को मिलनी चाहिए। 
 

 

 

अभी हरियाणा सरकार वहन करती है खर्च 
विधानसभा का समस्त खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाता है। हरियाणा विधानसभा की स्वयं की कोई आमदनी नहीं होती। विधानसभा में हर साल होने वाले सत्र, विधायकों व कर्मचारियों के वेतन, पैंशन तथा भत्तों का खर्च चलाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा हर साल विधानसभा के लिए बजट स्वीकृत किया जाता है। ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि विधानसभा के खर्चों में बढ़ोतरी हुई है। विधानसभा के बजट को खर्च करने की पावर सचिव व स्पीकर दोनों को दी जा सकती है। इसका ऑडिट भी स्वतंत्र इकाई पहले की तरह करती रहेगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Ajay Chandigarh

Related News