220 पेड़ों में अटका PGI का 250 बैड का हॉस्पिटल, फॉरेस्ट डिपार्टमैंट ने पेड़ों के काटने पर जताया ऐतराज

Wednesday, May 16, 2018 - 07:31 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मैडीकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ के एक अहम प्रोजैक्ट पर यू.टी. के फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट ने ऑब्जैक्शन लगा दी है। पी.जी.आई. में 250 बैड के अस्पताल का निर्माण कार्य इन दिनों तेजी से चल रहा है लेकिन इस अस्पताल के आसपास की ग्रीनरी पी.जी.आई. को पसंद नहीं आ रही है। 

यही वजह है कि पी.जी.आई. की ओर से फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट के पास पेड़ों को काटने का एक प्रोपोजल भेजा गया था। इसे डिपार्टमैंट ने मानने से इंकार कर दिया है। डिपार्टमैंट द्वारा कहा गया है कि आखिर इतने पेड़ों को काटने की जरूरत ही क्यों है? दरअसल पी.जी.आई. ने अस्पताल के आसपास लगे लगभग 220 हरे पेड़ों को काटने के लिए मंजूरी मांगी थी। इस पर दो दिन पहले फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट की एक टीम ने मौके पर विजिट किया। 

सूत्रों के अनुसार विजिट के दौरान टीम ने देखा कि अधिकांश पेड़ इस अस्पताल की बिल्डिंग से काफी दूर हैं। ऐसे में डिपार्टमैंट ने इस प्रोपोजल पर ही सवाल उठा दिया है। डिपार्टमैंट की ओर से दो टूक शब्दों में कह दिया गया है कि बिना जरूरत के इतनी संख्या में हरे पेड़ों को काटने की परमिशन नहीं दी जा सकती। इसके बाद एक बार फिर इस अस्पताल की कंप्लीशन पर अड़ंगा फंस गया है। 

फ्रैश प्रोपोजल सब्मिट कराए पी.जी.आई. :
फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट ने कह दिया है कि अब पी.जी.आई. जल्द एक फ्रैश प्रोपोजल तैयार सब्मिट कराए। इसके बाद ही फैसला लिया जाएगा। पी.जी.आई. परिसर में किसी भी पेड़ को काटने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। 

इससे पहले पी.जी.आई. ने यहां 85 पेड़ों को काटने की परमिशन मांगी थी। जिसे सर्वे करने के बाद डिपार्टमैंट ने मंजूरी दे दी थी। अब एक बार फिर जब 220 पेड़ों को काटने का प्रोपोजल आया तो इस पर कड़े शब्दों में ऐतराज जताया गया है। 

2016 में होना था निर्माण कार्य पूरा :
250 बैड के इस अस्पताल का निर्माण कार्य वर्ष 2016 तक पूरा किया जाना था लेकिन फंड की कमी और प्रशासन की अनदेखी की वजह से इसका निर्माण अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। बिल्डिंग की कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है। 

पिछले साल यूनियन हैल्थ सैक्रेटरी सी.के. मिश्रा ने जून में दौरे के दौरान निर्माण कार्य दिसम्बर-2017 तक पूरा करने के आदेश भी दिए थे लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो पाया। 

प्रोजैक्ट : एक नजर
-इस साल जून तक इस प्रोजैक्ट को कंप्लीट करने का है लक्ष्य।
-2012 में प्रशासन ने दी थी इस अस्पताल को बनाने की मंजूरी।
-पहले एनवायर्नमैंट क्लीरयरेंस न मिलने की वजह से लटक गया था प्रोजैक्ट।
-इसके बाद प्रॉपर स्क्रूटनी के बिना ही बिल्डिंग प्लान को अप्रूव करने से प्रोजैक्ट में देरी हुई।

Punjab Kesari

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