प्रूनिंग की जगह 20 हरे-भरे पेड़ों पर चला दी कुल्हाड़ी

Monday, Dec 17, 2018 - 10:06 AM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन की सुंदरता में जिन पेड़ों ने चार चांद लगा रखे थे, रेलवे प्रशासन ने उन्हें ही कटवा दिया। गिनती में ये पूरे 20 पेड़ थे जिन पर कुल्हाड़ी चलाते हुए रेलवे प्रशासन को जरा भी हिचकिचाहट नहीं हुई। पर्यावरण को इससे क्या नुक्सान होगा, ये तो बिल्कुल इतर बात थी, इन पेड़ों को काटने के लिए परमिशन तक नहीं ली गई। 

सूत्रों के अनुसार चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर किसी निजी कंपनी की ओर से साइन बोर्ड लगाने के लिए ये पेड़ काटे गए हैं। इस संबंध में न तो वन विभाग को मालूम है और न ही रेलवे के उच्चाधिकारियों को। रेलवे स्टेशन की जिम्मेदारी स्टेशन के डायरैक्टर की बनती है लेकिन प्रवेश द्वार पर धड़ाधड़ पेड़ कटते रहे और डायरैक्टर साहब को पता भी नहीं चला। ऐसे में आप सोच सकते हैं कि रेलवे के अधिकारी कितना गंभीर हैं। 

रेलवे अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला :
रेलवे स्टेशन पर पेड़ कटने की खबर जैसे ही अधिकारियों तक पहुंची तो सभी ने अपना पल्ला झाड़ लिया। अधिकारियों ने साइन बोर्ड लगाने के लिए पेड़ों की पू्रनिंग करने को कहा था। छोटे पौधों को निकालकर दूसरी जगह लगाने की हिदायद दी थी लेकिन ठेकेदार के कारिंदों ने 20 पेड़ों पर कुल्हाड़ी ही चला दी। ठेकेदार ने पेड़ों की टहनियों को भी साथ ही साथ हटाने का काम शुरू करवा दिया। 

इन्हीं पेड़ों को रंगा गया था तिरंगे के रंग में :
रेलवे स्टेशन की सुंदरता को बढ़ाने के लिए हजार रुपए खर्च कर रेलवे स्टेशन परिसर के सभी पेड़ों को तिरंगे के रंग में रंगा गया था। रेलवे ने 11 मजदूर लगाए गए थे, जिन्होंने 15 दिन में इस काम को पूरा किया था। लेकिन बावजूद ठेकेदार ने इन पेड़ों को काटने के लिए एक बार भी किसी अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश नहीं की। ठेकेदार ने काटे गए पेड़ों की जगह तीन साइन बोर्ड लगाने हैं। इसके लिए गड्ढे करने जरूरी था। कारिंदों ने रविवार को पहले पेड़ काटे और फिर गड्ढे भी खोद डाले।  

हमने तो प्रूनिंग के लिए कहा था : डायरैक्टर  
जब स्टेशन डायरैक्टर हरिदीप कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे भी खबर लगी है कि पेड़ काटे गए हैं। लेकिन जब मेरी और ठेकेदार की बात हुई थी कि पेड़ों की सिर्फ प्रूनिंग की जाएगी। फूल व सजावटी पौधों को वहां से हटाकर दूसरी जगह लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सोमवार को मौका देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।  

Priyanka rana

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