रेलवे ट्रैक पर इंटर लॉकिंग के कारण ट्रेनें हो रहीं लेट

Tuesday, May 29, 2018 - 12:12 PM (IST)

चंडीगढ़ (लल्लन): चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से जाने और आने वाली ट्रेनें अपने निर्धारित समय से तकरीबन 5 से 6 घंटे विलंब से चल रही हैं। इसका मुख्य कारण नए रेलवे ट्रैक की इंटर लॉकिंग को बताया जा रहा है। 

 

अधिकारियों का कहना है कि जब कोई ट्रेन प्लेटफार्म पर आकर रुकती है तो उसको रिप्लेसमैंट करके वाशिंग लाइन में रिपेयरिंग तथा मैटीनैंस के लिए ले जाया जाता है लेकिन इस दौरान जब ट्रेन को रिप्लेस किया जाता है तो उसमें 2 से 3 घंटे खराब होते हैं। 

 

क्योंकि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को रिप्लेस करने के लिए सिर्फ दो प्लेटफार्मों को जोड़ा गया है। जब वाशिंग लाइन से ट्रेन को प्लेटफार्म पर लाया जाता है तो भी 2-3 घंटे खराब हो जाते हैं। इस कारण ट्रेनें अपने निर्धारित समय से लेट चल रही हैं।

 

ट्रेनों की सफाई व मैंटीनैंस के लिए सिर्फ दो ट्रैक
रेलवे की ओर से चंडीगढ़-अम्बाला के बीच रेलवे ट्रैक को डबल किए जाने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब ट्रेनें लेट नहीं होंगी लेकिन डबङ्क्षलग के दौरान प्लेटफार्म नंबर-3 के सिग्नल सिस्टम निकालने के बाद रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों को ट्रेनें रिप्लेस करने में समय लग जाता हैं। 

 

क्योंकि ट्रेन रिप्लेस करने के दौरान स्टेशन मास्टर को पहले कालका से परमीशन लेनी पड़ती है। इसके बाद ट्रेन को अगले ट्रैक पर लाकर वापस वाशिंग लाइन की तरफ ले जाना पड़ता है। 

 

चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से इन दिनों 33 से अधिक ट्रेनों का रोजाना आवागमन है लेकिन इन ट्रेनों की सॢवस तथा मैंटीनैंस के लिए वाशिंग लाइन में सिर्फ दो ही ट्रैक बनाए गए हैं। ऐसे में जब तक वाशिंग लाइन में ट्रैक को नहीं बढ़ाया जाता तब तक यह समस्या बनी रह सकती है। 

 

क्योंकि मैंटीनैंस सैंटर में एक साथ 150 कोचों की जांच की जा सकती है लेकिन इसमें समय अधिक लग जाता है। ऐसे में जब दूसरे राज्यों से आने वाली ट्रेन रेलवे स्टेशन पर लेट पहुंचती है तो उसकी सॢवस तथा मैंटीनैंस में भी समय लग जाता है। 

 

प्लेटफार्म-4 व 5 को बढ़ाने का फैसला 
रेलवे ने चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म-4 व 5 को बढ़ाने का फैसला किया है। इसके लिए रेलवे की तरफ से 15 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। रेलवे ने प्लेटफार्म-4 व 5 को कालका की तरफ 80-80 मीटर बढ़ाने का फैसला किया है। अधिकारियों का कहना है कि प्लेटफार्म बढ़ाने से जहां ट्रेनों को रिप्लेस करने में मदद मिलेगी, वहीं पार्सल विभाग को भी फायदा होगा। 

 

इस समय प्लेटफार्म नंबर-4 व 5 पर पहले 18 कोच की टे्रन को लगाया जाता था लेकिन जब इस प्लेटफार्म को 80 मीटर तक बढ़ा दिया जाएगा तो इस पर 24 रैक की ट्रेन पार्क हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि प्लेटफार्म छोटा होने के कारण जब पार्सल कर्मचारी पार्सल को ट्रेन में लोड करते हैं तो उनको प्लेटफार्म के काफी दूर जाना पड़ता है। 

Punjab Kesari

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