शताब्दी के खाने में मिला था कीड़ा, अब रेल मंत्रालय शिकायतकर्ता को अदा करेगा 10 हजार रुपए मुआवजा

punjabkesari.in Friday, Apr 20, 2018 - 10:08 AM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र) : यात्री को शताब्दी ट्रेन में दिए गए खाने में जीवित कीड़ा मिलने पर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-1 ने कड़ा रुख अपनाते हुए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आई.आर.सी.टी.सी.) को 270 रुपए कैटरिंग चार्ज 18 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज सहित लौटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही रेल मंत्रालय को भी निर्देश दिए हैं कि वह शिकायतकर्ता को 10 हजार रुपए मुआवजा अदा करे। 

फोरम ने निर्देश में कहा कि रेलवे उक्त राशि संबंधित कैटरर से रिकवर करने के लिए भी आजाद है। शिकायतयकर्ता शालिनी जैन निवासी सैक्टर-21डी चंडीगढ़ ने नई दिल्ली और चंडीगढ़ स्थित स्थित आई.आर.सी.टी.सी. और भारत सरकार के रेलवे मंत्रालय के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दी थी। 

ब्रेकफास्ट की फर्स्ट बाइट में दिखा था जिंदा कीड़ा :
शालिनी ने शिकायत में कहा कि वह और उनके दो बेटे 3 जुलाई 2016 को कालका शताब्दी ट्रेन नंबर 12006 से चंडीगढ़ से दिल्ली का सफर कर रहे थे। यात्रा का किराया 1861 रुपए अदा किया था, जिसमें 270 रुपए वेज खाने के लिए कैटरिंग चार्ज भी शामिल था। शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता फोरम को बताया कि यात्रा के दौरान उन्हें और उनके बेटों को ग्रीन स्टिकर लगे पैक्स में ब्रेकफास्ट दिया गया। 

शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता फोरम को बताया कि ब्रेकफास्ट की पहली ही बाइट में देखा कि फूड पैक के अंदर जीवित कीड़ा था। इस संबंधी उन्होंने तुरंत कैटरिंग स्टाफ को सूचित किया लेकिन स्टाफ ने कोई जवाब नहीं दिया। शिकायतकर्ता ने अपना और बेटों का फूड पैक वापस लौटा दिया। उन्होंने कहा कि कैटरिंग स्टाफ ने दूसरे खाने का ऑफर किया, लेकिन उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया और बिना खाए ही यात्रा की। 

कंपलेंट के लिए मांगा रजिस्टर पर नहीं दिया गया :
शालिनी ने टी.टी.ई. से कंपलेंट रजिस्टर शिकायत लिखने के लिए मांगा, जो उन्हें दिया नहीं गया। अंत में शिकायतकर्ता ने रेलवे मंत्रालय को 12 अक्तूबर 2016 को शिकायत भेजी, लेकिन रेलवे ने भी जवाब नहीं दिया। 

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन लिमिटेड ने उपभोक्ता फोरम में पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने सेवा में कोताही नहीं की है। जबकि रेलवे मंत्रालय की ओर से पक्ष न रखने पर उसे उपभोक्ता फोरम ने एकतरफा (एक्सपार्टी) करार दिया है।


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