चंडीगढ़-मदुरई एक्सप्रैस के इंजन में फंसा सांड, 3 घंटे तक रुकी रही ट्रेन

Friday, Feb 23, 2018 - 08:33 PM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : रेलवे ट्रैक पर आवारा घूम रहा एक सांड चंडीगढ़-मदुरई एक्सप्रैस के इंजन से टकरा गया, जिस कारण आनन-फानन में ट्रेन को रोकना पड़ गया। ट्रेन 3 घंटे तक रेलवे ट्रैक पर खड़ी रही। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने इंजन में फंसे सांड के टुकडे को मुश्किल से बाहर निकाला, जिसके बाद इंजन स्टार्ट नहीं हुआ। 

 

2 घंटे की मुशक्कत के बाद दूसरा इंजन दप्पर से बुलाया गया। तब ट्रेन रवाना हो सकी। इस हादसे के कारण रेलवे ट्रैक बाधित रहा और कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से कई घंटे लेट चलीं। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से यह ट्रेन मदुरई के लिए सुबह 7.50 बजे रवाना हुई थी। जैसे ही यह ट्रेन ढकौली के पास पहुंची तो अचानक सांड इंजन से टक्करा गया और उसका टुकड़ा इंजन में घुस गया।

 

सूत्रों के अनुसार जब दप्पर से इंजन आया तो खराब इंजन को ले जाने तथा उसकी जगह नया इंजन लगाने में तकरीबन 2 घंटे का समय लग गया। नया इंजन लगाकर ट्रेन को तकरीबन 10:50 बजे ढकौली से चलाया गया। अचानक हादसा होने के कारण चंडीगढ़-अंबाला के बीच पूरा ट्रैक ही जाम हो गया। इसके साथ ही जो ट्रेन इन दोनों रेलवे स्टेशन के बीच जहां थी, वहीं रोक दी गई। 

 

यही नहीं, रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म खाली न होने के कारण अमृतसर से चंडीगढ़ आने वाली सुपरफास्ट ट्रेन को आऊटर पर ही रोक दिया गया था, जिसके कारण जो यात्री चंडीगढ़ 9 बजे पंहुचने वाले थे, वह लेट हो गए। कालका से अंबाला जाने वाली पैसेंजर ट्रेन भी अपने निर्धारित समय से कई घंटे लेट चली। इसके साथ ही सांड इंजन में फंसने के कारण पूरा ट्रैफिक दुरूस्त होने में तकरीबन 3 घंटे का समय लग गया।  

 

जनशताब्दी व बाड़मेर सुपरफास्ट भी हुई लेट :
ऊना से दिल्ली जाने वाली जनशताब्दी एक्सप्रैस अपने निर्धारित समय से लेट होने के कारण रेलवे अधिकारियों की ओर से पहले चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से मदुरई एक्सप्रैस को चलाया गया था लेकिन यह हादसा होने के कारण जनशताब्दी भी 3 घंटे चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर ही खड़ी रही। 

 

अंबाला की तरफ से चंडीगढ़ आने वाली बाड़मेर सुपरफास्ट ट्रेन को भी दप्पर रेलवे स्टेशन पर रोक लिया गया। जब दोबारा मदुरई एक्सप्रैस दप्पर पहुंच गई तब बाड़मेर सुपरफास्ट को चलाया गया। 

 

डबल ट्रैक होता तो न होती परेशानी :
रेलवे की ओर से चंडीगढ़-अंबाला के बीच डबल ट्रैक बनाने का कार्य तकरीबन 2 साल पहले से चल रहा है लेकिन अभी तक डबल ट्रैक का कार्य पूरा नहीं हो सका है। यदि डबल ट्रैक बना होता तो आज सांड के कारण हुए हादसा से कोई फर्क न पड़ता और ट्रेनें निर्धारित समय से ही चलतीं।

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