तीन शिकायतकर्ताओं व दो आरोपियों को क्लोजर रिपोर्ट हुई जारी

punjabkesari.in Friday, Jul 26, 2019 - 01:00 PM (IST)

मोहाली : सी.बी.आई. की ओर से मोहाली स्थित विशेष अदालत में बरगाड़ी बेअदबी कांड संबंधी दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट की कापी आज तीन शिकायकर्ताओं तथा दो आरोपियों को जारी कर दी गई है। अदालत के बाहर शिकायतकर्ताओं के वकीलों एडवोकेट गगनप्रदीप सिंह बल्ल तथा एडवोकेट नवदीप सिंह बिट्टा ने इसकी पुष्टि की है। जानकारी मुताबिक सी.बी.आई. ने अदालत में पेश की रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि पुलिस की ओर से उक्त बेअदबी की घटनाओं संबंधी जिन-जिन आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था, सी.बी.आई. जांच में उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले। 

इसके अलावा पंजाब सरकार की ओर से सी.बी.आई. को जांच संबंधी दी हुई सहमति भी वापस लिए जाने के चलते एजैंसी इन केसों की क्लोजर रिपोर्ट दायर किए जाने को आधार माना जा रहा है। पुलिस की ओर से गुरूद्वारा साहिब के ग्रंथी गोरा सिंह, उसकी पत्नी सर्वनजीत कौर, गुरमुख सिंह, जसविन्द्र सिंह तथा अमनदीप सिंह के पॉलीग्राफ टैस्ट (झूठ पकडऩे वाले टैस्ट) करवाए गए जो कि सभी उनके ब्यानों मुताबिक सही पाए गए। इनके अलावा उक्त तीनों आरोपियों के भी पोलीग्राफ टैस्ट भी करवाए गए तथा उनके टैस्ट भी बिल्कुल सही पाए गए। गुरूद्वारा साहिब में 1 जून 2015 को हुई चोरी संबंधी पुलिस को कोई सी.सी.टी.वी. फुटेज हाथ नहीं लगी क्योंकि न तो गुरूद्वारा साहिब में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे हुए थे और न ही आस-पास कोई ऐसी फुटेज मिली जिससे क्राइम का सीन सामने आ सकता।

गुरूद्वारा बुर्ज जवाहर सिंह वाला में 21 जून 2015 को 6 धार्मिक सिख नेताओं रणजीत सिंह, सुखदिओ सिंह, रुपेन्द्र सिंह, सुरजीत सिंह राईयांवाला, जसविन्द्र सिंह उर्फ लक्की तथा रमनदीप सिंह पर अधारित 6 मैंबरी कमेटी गठित की गई। उस कमेटी ने भी पुलिस के साथ-साथ अपनी जांच शुरू की। उस कमेटी ने जांच में 6 लोगों गुरुदेव सिंह, सुखदिओ सिंह जटाणा, सुखविन्द्र सिंह, गुरजंट सिंह, रणजीत सिंह उर्फ राजा तथा गोरा सिंह ग्रंथी पर आशंका जताई। लेकिन पुलिस की जांच किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची थी। पंजाब पुलिस की ओर से गठित की गई सिट्ट ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था लेकिन कोई चश्मदीद गवाह सामने नहीं आया। जिसने किसी को गुरू ग्रंथ साहिब के स्वरूप चोरी या किसी तरह की छेड़छाड़ करते हुए देखा हो।

आरोपियों के खिलाफ न सीबीआई को नहीं मिला था कोई सुराग
रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब पुलिस की ओर से बेअदबी कांड में शामिल किए गए आरोपी महिन्द्रपाल उर्फ बिट्टू, सुखजिन्द्र सिंह उर्फ सन्नी तथा शक्ति सिंह हैंड राइटिंग भी पोस्टरों के साथ मेल नहीं खाती। इस संबंध् में सी.एफ.एस.एल.की रिपोर्ट मुताबिक पोस्टरों पर अंकित हाथ लिखित पंजाब पुलिस की ओर से केस में नामजद किए गए उन 10 आरोपियों तथा उक्त तीनों आरोपियों की हाथ लिखित से मेल नहीं खाती। पुलिस स्टेशन बाजाखाना में पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफ.आई.आर. नंबर 63/2015  गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला स्थित गुरूद्वारा साहिब के ग्रंथी गोरा सिंह के बयानों पर 2 जून 2015 को दर्ज की थी। पुलिस ने गांव में मौजूद छप्पड़ का पानी भी खाली करवा दिया था तथा आस-पास लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों की फुटेज भी खंगाली तथा उस क्षेत्र से मोबाइल डाटा डंप भी लिया लेकिन पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा।

सूचना देने वाले को दिए 10 लाख, फिर भी नहीं मिली सूचना
सी.बी.आई. ने लोगों से पूछताछ के अलावा 18 लोगों के अलग-अलग टैस्ट भी करवाए। यहां तक कि गुरूद्वारा साहिब के ग्रंथी गोरा सिंह तथा उसकी पत्नी सहित कुल पांच लोगों के झूठ के लिए भी टैस्ट करवाये लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका। सी.बी.आई. ने बेअदबी की घटनाओं की सूचना देने वाले व्यक्ति को मई 2016 में दस लाख रुपए का ईनाम भी घोषित किया था। ईनाम संबंधी पूरा प्रचार किया गया तथा बाकायदा स्कूलों, कालेजों, बैंकों तथा कम्युनिटी सैंटरों की दीवारों पर पोस्टर भी लगवाए लेकिन सी.बी.आई. को आज तक किसी भी व्यक्ति ने कोई सूचना नहीं दी।


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bhavita joshi

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