चंडीगढ़ प्रशासन से नाराज हजारों कर्मचारियों और मजदूरों ने फूंका पुतला

punjabkesari.in Thursday, Oct 24, 2019 - 11:05 AM (IST)

चंडीगढ़ (राय): नगर निगम के सामने चंडीगढ़ इंटक के आह्वान पर चंडीगढ़ सुबोर्डिनेट सॢवसेज फैडरेशन समेत सभी सरकारी और गैर सरकारी यूनियनों के हजारों कर्मचारियों और मजदूरों ने चंडीगढ़ प्रशासन का पुतला फूंका और साथ में ही सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही कर्मचारियों और मजदूरों की मांगों को नहीं माना गया तो हर हफ्ते डिपार्टमैंट वाइज पुतला फूंका जाएगा और फिर भी समाधान नहीं निकलता तो 17 दिसम्बर 2019 को एक विशाल रैली कर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की जाएगी। 

 

इंटक प्रदेश अध्यक्ष नसीब जाखड़ ने कहा कि सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन कर्मचारियों और मजदूरों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। उनका खूब शोषण हो रहा है। मांगों के लिए एक महीने का नोटिस देकर 25 -9 -19 को एक दिन की भूख हड़ताल की गई। प्रशासन ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया उसके बाद नोटिस देकर 11-10 -19 को हजारों लोगों ने सांसद किरण खेर का घेराव किया उसके बाद भी समाधान नहीं निकला और अब नोटिस देकर चंडीगढ़ प्रशासन का पुतला फूंका जाएगा क्योंकि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए सिक्योर पॉलिसी नहीं है। 

 

दस से पंद्रह साल नौकरी करने के बाद भी बिना नोटिस के निकाल दिया जाता है, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की कोई पॉलिसी सरकार नहीं बना रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले अनुसार समान काम समान वेतन नहीं दिया जा रहा। सैंटर के रूल लागू नहीं किए जा रहे। दूसरे राज्यों की तर्ज पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं दी जाती सिर्फ 5 प्रतिशत कोटा दिया हुआ जो कि बिल्कुल गलत है। शिक्षा विभाग के चौकीदारों की आठ घंटे ड्यूटी नहीं की जा रही। 

 

मिड डे मील वर्करों को तीन घंटे ड्यूटी से ज्यादा ड्यूटी लेकर उसके बदले तीन हजार सैलरी दी जाती है। सभी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की प्रोमोशन नहीं की जा रही। रिक्त पदों पर काफी समय से भर्ती नहीं हो रही। पुरानी पैंशन स्कीम, जोखिम भत्ता नहीं मिल रहा। कैशलैस मैडीकल सुविधा कर्मचारियों को नहीं मिल रही। सभी विभागों में निजीकरण किया जा रहा है। फुटपाथ वर्करों से निगम एक ही काम के लिए अलग-अलग रेट ले रही है जो कि कानून के खिलाफ है।


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pooja verma

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