अंधेरे में जीवन-यापन करने को मजबूर हैं इस गांव के लोग, जानिए कारण...

punjabkesari.in Wednesday, Feb 01, 2017 - 09:23 AM (IST)

मोरनी(अनिल) : मोरनी खंड की बिजली रहित ढाणियों में बिजली पंहुचाने के लिए सरकार द्वारा करीब सवा दो करोड़ रूपए की राशि मंजूर की है। राशि मंजूर होने के बावजूद भी मोरनी खंड के ग्रामीण आज भी अंधेरे में जीवन-यापन करने को मजबूर हैं। जहां सरकार डिजीटल इंडिया के नारे को बुलंद करने का भरपूर प्रयास कर रही है, वहीं मोरनी खंड के अधिकतर गांव इस नारे से कोसों दूर हैं। दाबसू पंचायत के पंच सुषमा देवी, काका राम, नीलम देवी, सुनीता, रेशमा, राम सिंह, सोहन लाल, कुलदीप, जसवीर सिंह, सतपाल, कुसम देवी व माया देवी आदि ने बताया कि उनकी पंचायत के अधिकतर गांवों में बिजली न होने के कारण उनके बच्चे दीये की रोशनी में पढऩे को मजबूर हैं। 

 

ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर बालदवाला पंचायत में ठेकेदार द्वारा बिजली के खंबे लगाने के लिए खड्डे तो खोद दिए मगर उनमें न तो आज तक खंबे लगाए गए और न ही तारें डाली गईं। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ साल पहले सरकार की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर कमराड़ी गांव में सौर ऊर्जा का पोर्टेबल प्लांट लगाया गया था और इस प्लांट से गांव को रोशनी मिल रही थी मगर यह प्लांट भी अब काफी अरसे से खराब पड़ा है, जिसे विभाग ने अभी तक ठीक नहीं किया। 

 

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गत 5 जनवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने विद्युत निगम ने वाहावाही लूटने के लिए खंबे लगाने के लिए खड्डे तो खोद दिए, मगर आज तक यहां खंबे नहीं लगाए गए।  उधर इस बारे संपर्क करने पर विद्युत निगम के एस.डी.ओ. प्रदीप गोयत ने बताया कि गांवों मे बिजली लगाने के लिए टैंडर तो हो गया है मगर मटीरियल न आने व मटीरियल की अधिकारियों द्वारा जांच न होने के कारण बिजली लगाने में देरी हो रही है। इस पर काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। 


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