तो फिर फाइनैंशियल एमरजैंसी डिक्लेयर कर दी जाए: हाईकोर्ट

punjabkesari.in Saturday, Oct 27, 2018 - 08:22 AM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): चंडीगढ़ से नयागांव सड़क की  मरम्मत और निर्माण के लिए निगम की तरफ से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कहा गया कि फंड की कमी इन कामों में अड़चन है। इस पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि फंड नहीं है तो फिर फाइनैंशियल एमरजैंसी डिक्लेयर कर दी जाए। यह कैसे हो सकता है कि चंडीगढ़ निगम और प्रशासन के पास जरूरी फंड न हो। नयागांव में अतिक्रमण पर जस्टिस अमित रावल ने कहा कि पंजाब के अफसर भी इस मामले में गहरी नींद में हैं। ऐसे में काम नहीं हो रहा तो फिर पंजाब के अफसरों की सैलरी अटैच कर ली जाए। यही एक तरीका है जिससे अफसरों को गहरी नींद से जगाया जा सकता है।

निर्माण गिराने के मामले में कहा, 15 दिन का समय दें
नाडा में अवैध निर्माण गिराने के मामले में नयागांव नगर काऊंसिल की तरफ से एक सप्ताह का समय देकर नोटिस दिए जाने को अलग अर्जी दायर कर चुनौती दी गई। कहा गया कि महज एक सप्ताह का नोटिस देकर निर्माण गिराने की बात की जा रही है। ऐसे में उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया जा रहा। हाईकोर्ट ने इस पर एक सप्ताह से आगे 15 दिन का समय बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं।

निर्देशों के बावजूद कार्रवाई न होने पर याचिका दायर
हाईकोर्ट ने दो जून, 2017 के फैसले में कहा था कि 2021 के मास्टर प्लान के मुताबिक काम करते हुए अतिक्रमण हटाया जाए। साथ ही पटियाला की राव नदी व चौ का एरिया पांच माह में डिमार्केट किया जाए। साथ ही गंदगी के ढेर न हो इसके लिए जरूरी व्यवस्था की जाए। हाईकोर्ट के इन निर्देशों के बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर की गई है।

एमिक्स क्यूरी ने अतिक्रमण की तस्वीरें पेश कीं
सुनवाई के दौरान एमिक्स क्यूरी नियुक्त वकील संजीव शर्मा ने कोर्ट में नयागांव में अतिक्रमण की तस्वीरें पेश की। संजीव ने कहा कि तस्वीरें अतिक्रमण के हालात बयां कर रही हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। अफसर गहरी नींद में हैं और काम के प्रति कोई गंभीरता नहीं जता जा रही।


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bhavita joshi

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