चंडीगढ़ में ड्राइविंग लाईसेंस बनाना नहीं आसान, पिछले नौ महीने में 18 हजार लोग ड्राइविंग टेस्ट में हुए फेल
punjabkesari.in Sunday, Oct 01, 2023 - 07:47 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा)।चंडीगढ़ में ड्राइविंग लाईसेंस बनाना आसान नहीं है। इसका अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि पिछले नौ महीने में 18 हजार के करीब लोग ड्राइविंग टेस्ट पास नहीं कर पाए हैं। जनवरी से लेकर सितंबर 2023 तक कुल 26923 के करीब लोगों ने सेक्टर-23 स्थित चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क में टेस्ट दिया, जिसमें से सिर्फ 8881 लोग ही इस टेस्ट को पास कर पाए हैं। बता दें कि वाहन चालकों को लाईसेंस बनाने के लिए चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क में ऑटोमैटिक ट्रैक पर सैंसर्स और सी.सी.टी.वी. कैमरों के बीच टैस्ट देना होता है। जानकारी का कहना है कि इस टेस्ट को पास करना आसान नहीं है, क्योंकि कैमरों व सेसर्स के कैमरे और सेंसर्स पूरे टेस्ट को रिकॉर्ड करते हैं, जिसके आधार पर ही रिजल्ट जारी किया जाता है। बता दें कि रजिस्ट्रिंग व लाईसेंसिंग अथॉरिटी की तरफ से इस संबंध में आंकड़े जारी किए गए हैं, जिसमें इसका खुलासा हुआ है।
इस संबंध में आरएलए प्रद्युमन ने बताया कि इस साल सितंबर माह तक 26923 के करीब लोगों ने ड्राइविंग टेस्ट दिया है, जिसमें से 8881 लोगों ने इस टेस्ट को पास किया है। विभाग ने कुछ साल पहले यहां ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक शुरु किया था, ताकि बेहरत परिणाम के लिए इस ट्रैक पर ही लोगों के ड्राइविंग टेस्ट लिए जा सकें। इससे अब विभाग के अधिकारियों की दखल भी कम हो गई है।
मई माह में सबसे कम सिर्फ 357 लोग ही पास कर पाए टेस्ट :
आंकड़ों के अनुसार इस साल मई माह में सबसे कम 357 लोग ही ड्राइविंग टेस्ट को पास कर पाए है। टेस्ट के लिए कुल 3174 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन इसमें से 2817 लोग फेल हो गए। इसी तरह अप्रैल माह में भी सिर्फ 414 लोग ही टेस्ट में सफल रहे। अप्रैल माह में 2855 लोग टेस्ट देने के लिए आए थे, जिसमें से 2441 लोग फेल हो गए।
नौ माह में इतने लोग ड्राइविंग टेस्ट में हुए फेल व पास :
महीना पास फेल कुल
जनवरी 1665 1560 3225
फरवरी 1098 1796 2894
मार्च 866 1890 2756
अप्रैल 414 2441 2855
मई 357 2817 3174
जून 1215 1942 3157
जुलाई 1111 1883 2994
अगस्त 1136 1947 3083
सितंबर 1019 1766 2785
कुल 8881 18042 26923
चार सालों में अब इतने लोगों को जारी किया गया ड्राइविंग लाईसेंस :
पिछले चार सालों में 39669 के करीब लोगों को नए ड्राइविंग लाईसेंस जारी किए गए हैं। इनमें वर्ष 2020 में 10141 लोगों को लाईसेंस जारी किया गया है। इसके अलावा वर्ष 2021 में 9798 लोगों को लाईसेंस जारी किया गया, जबकि वर्ष 2022 में 10280 के करीब लोगों को लाईसेंस जारी किया गया। बता दें कि ट्रैफिक पार्क में टैस्ट के बाद ही पूरी रिपोर्ट ट्रैक के पास में बने एक कंट्रोल रूम में आ जाती है और उसी समय इसका रिजल्ट भी जारी कर दिया जाता है। आवेदन करने वाले को सात ट्रैक पर वाहन को ड्राइव करना होता है, जिसमें कि रिजर्व ट्रैक, यू-टर्न ट्रैक, रॉन्ग टर्न ट्रैक, फोर जंक्शन ट्रैक, राऊंड अबाउट ट्रैक और ग्रेडिएंट ट्रैक आदि शामिल है।
ऐसा है ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक :
ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक खासतौर पर डिजाइन की गई रोड है, जिनके हर मोड़ पर सैंसर्स लगे हैं, जोकि ड्राइवर की परफॉर्मैंस का पता लगाकर रिजल्ट देता है। इसके अलावा यहाँ पोल और सिग्नल्स पर लगे कैमरा भी उनकी परफॉर्मैंस पर नजर रखते हैं। लाइसैंस के लिए आवेदन करने वाले को इसी ट्रैक पर ड्राइव करना होता है और कैमरा और सैंसर उसके पूरे टैस्ट को रिकॉर्ड करते हैं, जिसके आधार पर ही रिजल्ट आता है। आवेदक को एक रेडियो फ्रीक्वैंसी आइडैंटिफिकेशन कार्ड भी इश्यू किया जाता, जिससे कि अगर वह कोई गलती करता है, तो रेडियो फ्रीक्वैंसी इलैक्ट्रोमैग्नेटिक के यूज से उसका पता लग जाता है।