पिता और भाई के सपनों को पूरा करने की कहानी है ‘केसरी नंदन’

punjabkesari.in Saturday, May 04, 2019 - 03:00 PM (IST)

चंडीगढ़(वैभव): एक 7 वर्षीय बच्ची (केसरी) पिता (हनुमंत सिंह) और भाई के सपनों को साकार करने के लिए पहलवान बनने का बीड़ा उठाती है, लेकिन जिस पिता का वह सपना पूरा करना चाहती है, वहीं पिता उसके पहलवान बनने के खिलाफ होता है। बावजूद वह बच्ची चोरी-चुपके पिता को ट्रैनिंग करवाते हुए देखती है और वहीं दांव-पेंच एकडम्मी पर जाकर आजमाती है। 

बच्ची के पिता पहलवान होते हैं, जिसे देख कर बच्ची भी पहलवान बनने की ठान लेती है। हनुमंत चाहता है कि भारत केसरी का खिताब जीते। भारत केसरी खिताब को जीतने के लिए हनुमंत लड़कों को पहलवानी के गुर सिखाने में लग जाते हैं। यह सब आपको देखने को मिलेगा, कलर्स पर प्रायोजित होने वाले सीरियल ‘केसरी नंदन’ में। शुक्रवार को केसरी नंदन की स्टार कास्ट मानव गोहिल और चाहत तिवानी सिटी ब्यूटीफुल पहुंचीं। 

एक माह की कड़ी मेहनत: चाहत तिवानी
‘केसरी नंदन’ में केसरी का किरदार निभा रही चाहत तिवानी ने बताया कि उनके लिए दंगल, कुश्ती करना बहुत मुश्किल था। इसको सीखने के लिए पहले एक माह की कड़ी मेहनत करनी पड़ी। इसके बाद शूटिंग में मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ की। उसने बताया कि उनका भाई भारत केसरी बनना चाहता था, लेकिन अचनाक वह पैरालाइज हो जाता है, जिसके बाद वह देखती है पिता बहुत दुखी हो जाते हैं। पिता और भाई के सपने को पूरा करने के लिए केसरी पहलवान बनने का मन बनाती है।

चाहत ने बताया कि सीरियल में अहम मोड़ तब आता है जब उनके पिता हनुमंत एक लड़की को कुश्ती की ट्रैनिंग देते हैं जो भारत केसरी की होड़ में उसकी प्रतिद्वंदी होती है। इस बात को देखते हुए परिवारवाले केसरी को प्रेरित करते हैं कि वह पहलवानी में आगे जाए। वहीं ऐसा होता है जो व्यक्ति उसके पिता का प्रतिद्वंदी होता है वह केसरी को ट्रैनिंग देनी शुरू कर देता है। चाहत ने बताया कि उसने अभी 5वीं क्लास की परीक्षा दी है। शूटिंग के व्यस्त शैड्यूल से उन्हें जब भी समय मिलता था, वह पढ़ाई करती थी। चाहत की इस बात से हर कोई उसका मुरीद हो गया था।

औरतों को पर्दे में रहने वाली प्रथा का करता है समर्थन: मानव
सीरियल में हनुमंत सिंह का किरदार निभा रहे मानव ने बातचीत के दौरान बताया कि सीरियल में उनका किरदार बहुत अलग है। एक ओर वह अपनी बेटी को बहुत ज्यादा प्यार करता है। वहीं दूसरी ओर वह बेटी के पहलवान बनने के सख्त खिलाफ है, जिससे दोनों थोड़ी दूरी आ जाती है। मानव ने कहा कि सीरियल में उनका मानना होता है औरतों को केवल पर्दे में रहना चाहिए। पहलवानी के अलावा कई खेल ऐसे हैं जो उनके लिए नहीं बने। मानव ने बताया कि चाहत जो कि केसरी का किरदार निभा रही हैं, उसमें रियल लाइफ में सीखने की ललक है। 

इसका सबूत तक मिला जब दंगल और कुश्ती की ट्रैनिंग शुरू हुई। चाहत ने हर एक दांव-पेंच की टैक्निक बहुत अच्छे से ऑब्जर्व किया। जो हर किसी के बस की बात नहीं है। उन्होंने चाहत की तारीफ करते हुए कहा कि उसे देख कर लगता है कि वह एक प्रोफैशनल कलाकार है। मानव ने बताया कि देश में आज भी ऐसी कई जगह हैं, जहां पर औरतों और लड़कियों के लिए कई बंदिशें लगी हुई हैं। पहले लोग सोचते थे कि लड़कियां क्रिकेट नहीं खेल सकती, हॉकी नहीं खेल सकती या पहलवानी नहीं कर सकती, लेकिन आज इन सब में लड़कियों ने अपना नाम बनाया है। 


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bhavita joshi

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