65 वर्ष ही रहेगी कालेजों के प्रिंसीपल्स की रिटायरमैंट ऐज

Monday, Nov 20, 2017 - 08:48 AM (IST)

चंडीगढ़ (हंस): पंजाब यूनिवर्सिटी (पी.यू.) से संबद्ध कालेजों के प्रिंसीपल्स की रिटायरमैंट ऐज 65 वर्ष ही रहेगी। यानी उन्हें 60 साल की उम्र के बाद 65 वर्ष की उम्र तक एक्सटैंशन मिलती रहेगी। यह फैसला पंजाब यूनिवर्सिटी में रविवार को हुई सिंडीकेट की बैठक में किया गया। सिंडीकेट की अगली बैठक में इस मुद्दे को फिर लाया जाएगा, जिसमें देखा जाएगा कि प्रिंसीपल्स के रिटायरमैंट संबंधी पहले कौन-कौन से फैसले लिए जा चुके है। इसके अलावा सिंडीकेट ने आई.पी.एस. अधिकारी एवं चंडीगढ़ के एस.एस.पी. (ट्रैफिक) शशांक आनंद को पी.यू. के ईवनिंग विभाग में चल रहे लॉ के पांचवें सिमैस्टर में दाखिले से इंकार कर दिया है। 

 

ध्यान रहे कि कालेजों के प्रिंसिपल्स की रिटायरमैंट ऐज 60 से बढ़ाकर 65 करने  पर उपराष्ट्रपति एवं पी.यू. के चांसलर के सैक्रेटरी की ओर से इसे यू.जी.सी. के नियमों की उल्लंघना मानते हुए डिस्ट्रिक्टटीचर्स यूनियन होशियारपुर को एक पत्र भेजा गया था। इस समय प्रिंसीपल गुरदीप शर्मा, प्रिंसीपल बी.सी. जोसन, प्रिंसीपल एच.एस. गोसल 60 वर्ष की उम्र में रिटायर होने के बाद भी पी.यू. के प्रोफैसरों की तरह सेवा में हैं। इस मामले में कुछ सिंडीकेट सदस्यों का कहना  है कि  उन्होंने  यू.जी.सी. के रैगुलेशन का कोई उल्लंघन नहीं किया है। यू.जी.सी. ने 65 वर्ष उम्र तक पद पर बने रहने का प्रावधान कर रखा है। 

 

इसलिए रविवार को सिंडीकेट की बैठक में कालेजों की प्रिंसीपल्स की रिटायरमैंट ऐज फिलहाल 65 वर्ष ही रखने का फैसला कर लिया गया। दूसरी ओर, आई.पी.एस. अधिकारी एवं वर्तमान में चंडीगढ़ के एस.एस.पी. (ट्रैफिक) शशांक आनंद ने एम.डी. यूनीवर्सिटी रोहतक से माइग्रेट कर पी.यू. के ईवनिंग विभाग में चल रहे  लॉ के पांचवें सिमैस्टर में दाखिले के लिए आग्रह किया  था लेकिन सिंडीकेट की बैठक में उन्हें दाखिला न देने का फैसला किया गया है। पी.यू. प्रबंधन का कहना है कि शशांक आनंद ने  दाखिले के लिए देरी से आवेदन किया है। इसलिए उन्हें दाखिला नहीं दिया जा सकता है। ध्यान रहे कि इससे पहले चंडीगढ़ के डी.जी.पी. तेजिंदर सिंह लूथरा ने लॉ  के पांचवें सिमैस्टर में दाखिले के लिए आवेदन किया था, जिसमें उन्हें दाखिला मिल गया है।


 

इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
- प्रो. कोमल मामले में कारण बताओ नोटिस का जवाब सीनेट की बैठक में आएगा। 
-कमेटी की प्रोसीडिंग की सी.डी. की मांग करने पर पूटा प्रधान व फैलो प्रो. राजेश गिल को सी.डी. देने का फैसला लिया गया। 
- डीन रिसर्च प्रो. ओ.पी. कटारे के खिलाफ सी.बी.आई. द्वारा केस दर्ज करने की अनमुति संबंधी बार-बार आग्रह पर सिंडीकेट ने कहा कि इस बारे में पहले से गठित कमेटी को ताजा तथ्य जांचने के बाद अगली बैठक में इस पर कोई निर्णय लिया जाए। जयपुर के एक मैडीकल कालेज के निरीक्षण के लिए गए प्रो. कटारे विवादों में घिर गए थे, क्योंकि जो रिपोर्ट भेजी गयी थी, उसे फर्जी बताते हुए और उससे छेड़छाड़ के आरोप में सी.बी.आई. ने प्रो. कटारे से पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लेने की अनुमति मांगी थी।
- बैठक  में सीनेटर व सिंडीकेट सदस्य प्रो. रविंद्र नाथ ने मामला उठाया किसीनेटर अमित जोशी ने कंट्रोलर ऑॅफ एग्जामिनेशन के खिलाफ जो मिस बिहेव करने की शिकायत की थी, उसे एक कमेटी को दिया गया था लेकिन 6 माह बीतने के बाद भी इस मामले पर कोई चर्चा नहीं की जा रही ंहै। 
-सीनेटर हरदित गौसल ने कहा कि  कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन  और डी.सी.डी.सी. दोनों अहम पद हैं।  इसलिए इन  दोनों पदो का चार्ज एक अधिकारी के  पास न होकर अलग-अलग अधिकारी के पास होने चाहिए। इस पर सीनेटर रविंद्रनाथ ने उनका सपोर्ट किया। वी.सी. प्रो. अरूण ग्रोवर ने  कहा कि वह इस मामले को देखेंगे। 
-सीनेटर रविंद्रनाथ ने  एम.बी.बी.एस. के दो स्टूडैंट को रिएवालूशन के  बाद पास करने के मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि एम.बी.बी.एस. में रिएवालूशन होनी नहीं चाहिए। अगर रिएवालूशन होती है तो  जितने भी स्टूडैंट फेल हुए हैं, उन्हें इसके बारे में सूचना दी जानी चाहिए थी।  


 

टैक्नीकल स्टाफ की प्रोमोशन पॉलिसी को किया जाए रिव्यू
पी.यू. के नॉन टीचिंग स्टाफ के  टैक्नीकल स्टाफ ने प्रमोशन के मुद्दे को लेकर  सिंडीकेट सदस्यों के सामने रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान स्टाफ के सदस्यों ने मांग की कि टैक्नीकल स्टाफ की प्रमोशन पॉलिसी को रिव्यू किया जाए। नॅान टीचिंग स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष दीपक कौशिक ने कहा कि  प्रमोशन पॉलिसी को लेकर फैसला सिम्तबर की बैठक में लिया गया था, जिसको रिव्यू किया जाना जरूरी है। 

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