बर्खास्त कांस्टेबल नियुक्ति पर पुनर्विचार करने के आदेश, जानें पूरा मामला

Thursday, Oct 05, 2017 - 11:00 PM (IST)

चंडीगढ़, (संदीप): नाबालिगा से दुराचार मामले में जिला अदालत से बरी हुए चंडीगढ़ पुलिस के पूर्व कांस्टेबल जगतार सिंह की याचिका कैट ने सुनवाई के बाद डिस्पॉज ऑफ कर दी है।

कैट ने इस मामले में प्रतिवादी बनाए गए प्रशासन और एस.एस.पी. को उसकी रिज्वाइनिंग पर पुनर्विचार करने को कहा है। कैट ने कहा है कि आवेदक को आपराधिक मामले में बरी होने के बाद प्रतिवादी पक्ष अपने स्तर पर इंक्वायरी कर सकता है।

इसके बाद वह अपने स्तर पर आगे कार्रवाई कर सकता है। प्रशासन और विभाग इस मामले को नए सिरे से लेते हुए इसकी जांच करे और इस मामले में पुनर्विचार करते हुए कार्रवाई करे। गौरतलब है कि पुलिस विभाग ने इस मामले मे जगतार सहित 5 कांस्टेबलों को बर्खास्त किया था।

 जगतारने याचिका में कहा है कि उसने चंडीगढ़ पुलिस में 10 मई 2010 में बतौर कांस्टेबल ज्वाइन किया था। 19 दिसम्बर 2013 में उसके व चार अन्य के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया गया था।

20 दिसम्बर 2013 को एस.एस.पी. ने भारतीय संविधान की धारा 311 (2) (बी) के तहत जगतार को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। उसके खिलाफ यह कार्रवाई बिना इंक्वायरी और जांच के की गई थी। अदालत ने ट्रायल के बाद 11 नवम्बर 2014 को आवेदक समेत अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।

 इसके बाद 29 जनवरी 2015 को आवेदक ने डी.आई.जी. के समक्ष रिप्रैजैंटेशन दी थी। 6 अप्रैल 2015 को जारी एक आदेश में आवेदक व अन्य से कहा गया कि, ऐसा कोई नियम नहीं है जिसके तहत एक बार सेवा से बर्खास्त करने के आदेश के बाद उन्हें फिर से सेवा में लिया जाए।

इसके बाद आवेदक व अन्य ने एस.एस.पी. के समक्ष रिप्रैजैंटेशन दी थी। इस पर कोई कार्रवाई न होने पर उसने कैट में याचिका दायर की।

 उल्लेखनीय है कि 10 दिसम्बर 2013 को सैक्टर-11 थाना पुलिस ने अपने ही विभाग के 5 कांस्टेबलों जगतार सिंह, अक्षय, सुनील कुमार, हिम्मत सिंह और अनिल कुमार के खिलाफ गैंगरेप समेत पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज किया था। पीड़िता ने इन सभी पर उसके साथ दुराचार का आरोप लगाया था। 

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