बायोमीट्रिक माइनिंग से भी कम नहीं हुआ कचरे का पहाड़

Thursday, Mar 19, 2020 - 09:28 AM (IST)

चंडीगढ़ (राय) : चंडीगढ़ की फैडरेशन ऑफ सैक्टर वैल्फेयर एसोसिएशन (फॉसवेक) का एक प्रतिनिधिमंडल और डंपिंग ग्राऊंड ज्वाइंट एक्शन कमेटी के एक्टिव मैंबर, फोसवेक के प्रधान बलजिंदर सिंह बिट्टू की अध्यक्षता में बुधवार को प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा से मिला। उन्हें सैक्टरों की विभिन्न समस्याओं के बारे में एडवाइजर को अवगत करवाया। 

 

डंपिंग ग्राऊंड ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष दयाल कृष्ण ने डंपिंग ग्राउंड से हो रही कई समस्याओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि डड्डूमाजरा के आस-पास रहने वाले सैक्टरों के लोगों से वायदा किया गया था कि वह डंपिंग ग्राऊंड के पहाड़ को हटा देंगे और इसके लिए उन्होंने बायोमीट्रिक माइनिंग मशीनें लगवा दी हैं। मगर बायोमीट्रिक से कचरे के पहाड़ पर कोई असर नहीं पड़ रहा। 

 

यह दिन-प्रतिदिन बड़ा होता जा रहा है। इस पर एडवाइजर मनोज परिदा ने कहा कि यह तो 30 साल पुराना मसला है। धीरे-धीरे ही खत्म होगा। उन्होंने कहा अभी तो जो सूखा कचरा डंप पड़ा है, उस पर कार्य चल रहा है। उसी के लिए मशीनें लगाई गई हैं। जो कचरे का पहाड़ बना हुआ है इसके लिए आगे प्लानिंग की जाएगी।

 

डंपिंग ग्राऊंड के लिए नई जगह तलाशें
मीटिंग में प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा के साथ नगर निगम कमिश्नर के.के. यादव भी उपस्थित थे। कमेटी ने बताया कि डंपिंग ग्राऊंड के आस-पास दीवार के पास एकत्रित लीचड़ से बदबू उठ रही है। यहां की तस्वीरें भी एडवाइजर और कमिश्नर को दिखाई गई। उन्होंने सारी तस्वीरों को देखा और डंपिंग ग्राउंड पर गिर रहा कचरा और दिन प्रतिदिन बन रहे कचरे के पहाड़ इस पर तो मनोज परिदा ने सारा का सारा ठीकरा जे.पी. एसोसिएट पर फोड़ दिया। 

 

उन्होंने कहा कि सारे गांवों को वार्ड के साथ मिला दिया गया नई-नई कॉलोनी और बसा दी गई हैं। उन सभी का कचरा भी डंपिंग ग्राऊंड पर ही गिराया जा रहा है लेकिन डंपिंग ग्राऊंड के लिए नई जगह नहीं तलाशी जा रही।
 

pooja verma

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